ये जड़ी बूटियां करेंगी थायराइड का इलाज
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ये जड़ी बूटियां करेंगी थायराइड का इलाज, नहीं पड़ेगी रोज दवा लेने की जरूरत

थायराइड कंट्रोल करने में कुछ जड़ी बूटियां बहुत काम आ सकती हैं। इनकी मदद से इस समस्‍या पर बहुत जल्‍दी काबू पाया जा सकता है।

हाइलाइट्स :

  • पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को थायराइड का ज्‍यादा खतरा।

  • हर 8 में से 1 महिला थायराइड से पीड़ित है।

  • एनवायरमेंटल आयोडीन की कमी थायरॉयड डिसऑर्डर का मुख्य कारण है।

  • जड़ी बूटियां थायराइड कंट्रोल करने में फायदेमंद।

राज एक्सप्रेस। थायराइड के बारे में हम सभी जानते हैं। पुरुषों के मुकाबले यह समस्या महिलाओं में ज्‍यादा आम है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक जर्नल के अनुसार, हर 8 में से 1 महिला थायराइड से पीड़ित है। बावजूद इसके 60 प्रतिशत महिलाएं इस समस्‍या से पूरी तरह अनजान हैं। बता दें कि थायरॉयड तितली के आकार की एक ग्रंथि है, जो गर्दन के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायरोक्सिन नामक हार्मोन का स्‍त्राव करने के लिए जिम्‍मेदार है। अगर किसी महिला को थायराइड है,तो उसके हार्मोन अनबैलेंस्ड हो सकते हैं। जिसका असर उसके शरीर पर साफ दिखाई देता है। दुनिया भर में एनवायरमेंटल आयोडीन की कमी को थायरॉयड डिसआर्डर का मुख्य कारण बताया जा रहा है। थायराइड वाले तमाम लोगों को रोजाना टेबलेट लेना जरूरी होता है, लेकिन कुछ ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जो थायराइड से पीड़ित लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। आइए जानते हैं उन जड़ी बूटियाें के बारे में, जो आपके थायराइड को झट से कंट्रोल कर सकती हैं।

अश्वगंधा

यह जड़ी बूटी थायराइड में बहुत असरदार मानी गई है। इससे थायराइड बहुत जल्‍दी कंट्रोल हो जाता है। आप चाहें, तो इसकी पत्तियों या जड़ों को उबालकर पी सकते है। हार्मोन इंबैलेंस में सुधार के लिए भी इसके चूरन को पानी में उबालकर लेना अच्‍छा तरीका है।

अदरक की जड़

अदरक लगभग हर घर में पाई जाने वाली जड़ी-बूटी है। मेडिकल न्‍यूज टुडे के अनुसार, इसके सेवन से लंबे समय तक रहने वाले हाइपो थायराइड के लक्षणों से राहत मिलती है। इतना ही नहीं, अदरक वजन घटाने और हाइपो थायराइड मरीजों में लिपिड प्रोफाइल के नियमन में भी मदद करता है।

मोरिंगा

मोरिंगा जिसे सहजन कहा जाता है, थायराइड का प्राकृतिक इलाज है। इसे न्यूट्रिएंट्स का खजाना कहें, तो गलत नहीं होगा। इसके सेवन से थायराइड हार्मोन को बहुत कम समय में नियंत्रित किया जा सकता है। कहते हैं कि मोरिंगा खाने से थायराइड हार्मोन की मात्रा नहीं बढ़ती।

काला जीरा

फाइटोकेमिकल्स से भरपूर काला जीरा थायराइड के मरीजों के लिए बहुत असरदार साबित होता है। इसमें एंटी फंगल, एंटी इंफ्लेमेटरी और कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने वाले तमाम गुण मौजूद हैं। अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए, तो शरीर की सूजन काफी हद तक कम हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, काले जीरे का तेल टी 4 और टी 3 दोनों थायरायड हार्मोन लेवल में होने वाली वृद्धि को कम करने में कारगर है।

तुलसी

आपके घर के आंगन में लगी तुलसी भी थायराइड में बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटी फंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे बॉडी में कार्टिसोल थायराइड ग्लैंड, पैंक्रियाज और ओवरीज की परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है। नियमित रूप से इसकी पत्तियों को उबालकर पीने या कच्‍चा चबाने से थायराइड पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

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