शरीर में दिखने लगे ये शारीरिक बदलाव
शरीर में दिखने लगे ये शारीरिक बदलावRaj Express

शरीर में दिखने लगे ये शारीरिक बदलाव, जो समझ लें एंग्जाइटी के शिकार हैं आप

चिंता यानी एंग्जायटी यदि लंबे वक्त तक बनी रहे, तो व्‍यक्ति एंग्जायटी डिसऑर्डर का शिकार हो जाता है। सिर से लेकर पैर की उंगलियों तक शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिनकी समय रहते पहचान करना जरूरी है।

राज एक्सप्रेस। चिंता एक मेंटल हेल्‍थ प्रॉब्‍लम है। हर व्‍यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी चिंता का अनुभव करता है। इसमें काम, पारिवारिक मुद्दे, स्‍वास्‍थ्‍य और वित्‍त से जुड़ी समस्‍याएं शामिल हैं। चिंता को आमतौर पर तनाव के रूप में जाना जाता है, जिसे कोई व्‍यक्ति नियंत्रित नहीं कर सकता। चिंता अगर लगातार बनी रहे, तो हमारे दैनिक जीवन, काम, रिश्‍तों और खुशहाल जिन्‍दगी में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। चिंता में व्यक्ति खुद को नकारात्‍मक सोच, बेचैनी और डर से घेर लेता है और फिर यह मिनटों से लेकर महीनों तक बनी रह सकती है।

ध्‍यान रखें, कि दैनिक जीवन में चिंता को कम करना हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, क्‍योंकि यह हृदय संबंधी समस्‍या , मानसिक विकार और डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ाती है। चिंतित होने पर शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिन पर हमारा ध्‍यान नहीं जाता। यहां हम आपको कुछ ऐसे सामान्‍य शारीरिक बदलावों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको चिंता की पहचान करने में मदद मिल सकती है।

नींद की कमी

ठीक से सो न पाना, चिंता का पहला संकेत है। इसमें आप बिस्‍तर पर लेटे हुए अपने अतीत या भविष्य के बारे में सोचने रहते हैं, जिससे आपकी नींद उड़ जाती है। इसके अलावा अगर आपकी नींद हर 3-4 घंटे में खुल रही है और फिर वापस सोने में परेशानी हो रही है, तो दोनों ही कंडीशन में आप एंग्‍जायटी की गिरफ्त में हैं।

एकाग्रता में कमी

अगर आपको चिंता है, तो इसका सीधा असर आपके शरीर में दिखने लगेगा। चिंता होने पर आप घर, काम, स्‍कूल, ऑफिस और रिश्‍तों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। कई बार चीजों को अनदेखा भी कर सकते हैं। अगर आप एक स्टूडेंट हैं, तो आपका पढ़ाई में मन नहीं लगेगा और शरीर में बेचैनी महसूस होने लगेगी।

चिड़चिड़ा होना

आप एक खुशमिजाज व्‍यक्ति हैं। लेकिन अचानक से आपको बहुत जल्‍दी गुस्‍सा आने लगा है, बात बात पर चिड़चिड़ाहट महसूस होती है, तो समझ लीजिए कि आप किसी मेंटल हेल्‍थ प्रॉब्‍लम से गुजर रहे हैं।

थका हुआ महसूस करना

अगर आप किसी बात को लेकर चिंतित है, तो यह आपके शरीर में थकान के रूप में दिखेगी। ऊर्जा में कमी आना चिंता का लक्षण है। इसे दूर करने के लिए कॉफी और कैफीन जैसे पेय भी काम नहीं कर रहे, तो समझ जाएं, कि आपका एंग्‍जायटी लेवल बढ़ गया है और अब आपको उपचार की जरूरत है।

हार्ट बीट तेज होना

बहुत ज्‍यादा डर और चिंता होने पर हमारा दिल सामान्‍य स्थिति से अलग ही तेज रफ्तार में दौड़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि चिंता के दौरान दिल ऑक्सीजन लेने के लिए ज्‍यादा मेहनत करता है । इससे ब्रीदिंग स्‍पीड बढ़ जाती है, जिसे पैनिक अटैक कहते हैं।

हाथ पैरों का ठंडा होना

देखा जाता है कि चिंता होने पर हमारे हाथ पैर पूरी तरह से ठंडे और सुन्‍न पड़ जाते हैं। दरअसल, चिंता की स्थिति में हमारे ब्‍लड सेल्‍स संकुचित हो जाते हैं, जिस कारण ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता। इससे हाथ और पैर की उंगलियों में ब्लड सप्‍लाई होने में दिक्‍कत आती है और यह ठंडे पड़ने लगते हैं।

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