यह विटामिन है नींद न आने की असली वजह, हो जाएं सतर्क
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यह विटामिन है नींद न आने की असली वजह, हो जाएं सतर्क

अगर आप पिछले कुछ महीनों से नींद न आने से परेशान हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। क्‍योंकि विटामिन डी ही है, जो आपकी नींद उजाड़ रहा है। यहां इस विटामिन की कमी को पूरा करने के तरीके बताए गए हैं।

हाइलाइट्स :

  • शरीर में भरपूर मात्रा में होने चाहिए पोषक तत्‍व।

  • शरीर में विटामिन डी की अहम भूमिका।

  • विटामिन डी की कमी से नहीं आती नींद।

  • मशरूम बढ़ाए विटामिन डी की मात्रा।

राज एक्सप्रेस। स्‍वस्‍थ शरीर ही हमारे जीवन की असली पूंजी है। शरीर में सभी पोषक तत्‍व भरपूर मात्रा में हों, तो किसी तरह की परेशानियां नहीं झेलनी पड़ती। कई बार तो पोषक तत्‍वों की कमी के चलते लोगों को गंभीर बीमारियां तक हो जाती हैं। वैसे नींद न आना भी एक गंभीर बीमारी है, जिसका सामना आजकल लोगों को करना पड़ रहा है। भारत की करीबन 30 फीसदी आबादी नींद न आने से परेशान है। वैसे तो नींद न आने के कई कारण हैं, लेकिन अगर आपके शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम रह गई है, तो आप अच्‍छी नींद से वंचित हो सकते हैं। विटामिन डी की कमी वाले लोगों को नींद नहीं आती। दरअसल, इस विटामिन की कमी से मेलाटोनिन का प्रोडक्‍शन कम होता है, जिससे नर्व्‍स को रिलेक्‍स नहीं मिल पाता और सोने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अगर आप भी स्‍लीप डिसऑर्डर या इंसोमनिया से जूझ रहे हैं, तो सबसे पहले शरीर में विटामिन डी की मात्रा बढ़ानी होगी। यहां बताया गया है कि आप कैसे शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी कर सकते हैं।

शरीर में विटामिन डी की भूमिका

विटामिन डी केवल एक पोषक तत्व नहीं है, बल्कि जब शरीर में मेटाबॉलिज्म होता है तो यह एक हार्मोन के रूप में काम करता है। हमारे शरीर में चारों तरफ इस हार्मोन के रिसेप्टर्स होते हैं और यह कैल्शियम और फास्फोरस के मेटाबॉलिज्‍म को रेगुलेट करने में मदद करता है। इतना ही नहीं विटामिन डी इम्‍यूनिटी में सुधार करता है और डीएनए को रिपेयर करने में भी इसका बड़ा योगदान है।

क्‍या है नींद और विटामिन डी का संबंध

विटामिन डी की कमी और खराब नींद का आपस में गहरा कनेक्‍शन है। कई स्‍टडीज से पता चला है कि जिन लोगों में विटामिन डी की कमी होती है, उन्‍हें नींद बिल्कुल नहीं आती। जिस वजह से वह कुछ घंटे भी सोने में असमर्थ होते हैं। सोने की कोशिश करते समय उन्‍हें बेचैनी और घबराहट भी महसूस होती है। स्‍लीप डिसऑर्डर को स्‍लीप एपनिया या नींद की कमी से जोड़कर देखा जाता है। दरअसल, विटामिन डी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को रेगुलेट करने में हेल्‍प करता है। इसके अलावा कुछ इंफ्लेमेटरी मॉलिक्‍यूल्‍स भी आपकी नींद डिस्‍टर्ब करते हैं, ऐसे में विटामिन डी ही है, जो इन्‍हें नियंत्रित करता है।

क्‍या विटामिन डी साेने में मदद करता है

शरीर में भरपूर मात्रा में विटामिन डी हो, तो आपको प्‍यारी और सुकून भरी नींद लेने से कोई नहीं रोक पाएगा। क्‍योंकि विटामिन डी सर्केडियन क्‍लॉक में अहम भूमिका निभाता है। बता दें कि सर्केडियन क्‍लॉक एक इंटरनल क्‍लॉक है, जो नींद और जागने के साइकिल को नियंत्रित करती है। ऐसे में विटामिन डी की डोज बढ़ाना नींद में सुधार के लिए पहला कदम बढ़ाना है।

कितना विटामिन डी लेना चाहिए

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के अनुसार, युवा वयस्कों को हर दिन 600 IU और 70 वर्ष से ज्‍यादा उम्र के वयस्कों को हर दिन 800 IU विटामिन डी लेना चाहिए। अन्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि वयस्कों को विटामिन डी की जरूरत बहुत ज्‍यादा होती है। ऐसे में एंडोक्राइन सोसायटी वयस्कों के लिए हर दिन 1,500 से 2,000 IU विटामिन डी की सिफारिश करती है।

विटामिन डी बढ़ाने के लिए क्‍या करें

  • कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन धूप के संपर्क में रहें।

  • मशरूम खाएं। बहुत कम लोग जानते हैं कि सूर्य के संपर्क में आने पर मशरूम खुद का विटामिन डी उत्पन्न करता है।

  • अंडे के पीले हिस्‍से में विटामिन डी की मात्रा बहुत ज्‍यादा होती है। इसलिए इसे अपने आहार में शामिल करें।

  • फैटी फिश या सीफूड का सेवन बढ़ाएं।

  • विटामिन डी सप्लीमेंट लेने के बारे में डॉक्‍टर से पूछ सकते हैं।

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