दंगल एक्ट्रेस सुहानी भटनागर की डर्माटोमायोसिटिस से मौत।
यह एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी है।
त्वचा पर दाने इसके मुख्य लक्षण।
ओवेरियन कैंसर से जुड़ी है ये बीमारी।
राज एक्सप्रेस। बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की ब्लॉक बस्टर फिल्म दंगल में बबीता फोगाट का किरदार निभाने वाली चाइल्ड एक्ट्रेस सुहानी भटनागर की मौत ने सबको चौंका दिया है। सुहानी केवल 19 वर्ष की थीं। रिपोर्टों के अनुसार, सुहानी डर्माटोमायोसिटिस से पीड़ित थी। उनकी मां पूजा भटनागर ने बताया कि दो महीने पहले उनमें डर्माटोमायोसिटिस के लक्षण दिखे थे। दो महीने पहले सुहानी के बाएं हाथ में सूजन आई थी और एक्स रे के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड भी कराया था। धीरे-धीरे सूजन एक हाथ से दूसरे हाथ में और फिर पूरे शरीर में फैलने लगी। इसके बाद टेस्ट कराने पर पता चला कि उन्हें डर्माटोमायोसिटिस है। बता दें कि यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है। दुनिया भर में केवल पांच से छह लोग ही ऐसे हैं जिनमें इस बीमारी का निदान किया गया है। इसका इलाज केवल स्टेरॉयड से किया जा सकता है। कुछ मामलों में स्टेरॉयड से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिस वजह से संक्रमण फैलने की संभावना रहती है। संक्रमण और अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने के कारण लंग्स डैमेज हो जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ सुहानी के साथ। तो आइए जानते हैं क्या है डर्माटोमायोसिटिस और क्या हैं इसके लक्षण।
डर्माटोमायोसिटिस एक दुर्लभ सूजन वाली बीमारी है, जिसकी पहचान मांसपेशियों में कमजोरी और त्वचा पर अलग तरह के दाने से की जा सकती है। आमतौर पर यह बीमारी 40 से 60 वर्ष के लोगों के बीच होती है, लेकिन 5 और 15 साल के बच्चों के बीच काफी आम है। पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं को प्रभावित करती है।
चेहरे, पलकों, नाखूनों, पोर, कोहनी, घुटनों, छाती और पीठ के आसपास के क्षेत्रों में गहरे लाल दाने डर्माटोमायोसिटिस के मुख्य लक्षण हैं। वहीं मांसपेशियों में कमजोरी हो तो भी इस बीमारी की संभावना बनी रहती है। चेहरे , गर्दन , कंधे और चेस्ट पर दिखने वाले लाल दाने इस बीमारी का पहला संकेत हैं। दानों में दर्द और खुजली हो सकती है। इसके अलावा कूल्हे, जांघों, गर्दन की मासंपेशियों में कमजोरी जैसे लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं।
ठंडे पानी के संपर्क में आने पर पैर की उंगलियां, गाल, नाक और कान पीले पड़ सकते हैं।
इस बीमारी के चलते ह़दय की मांसपेशी में सूजन आ सकती है।
इंटरस्टिशियल लंग्स की स्थिति बन सकती है। इसमें लंग्स कठोर और लोचदार हो जाते हैं।
इस बीमारी को महिलाओं में ओवेरियन कैंसर से जोड़कर देखा जाता है।
डर्माटोमायोसिटिस के उपचार में पहले मरीज को दवा दी जाती हैं। दुर्लभ मामलों में, डॉक्टर कैल्शियम डिपॉजिट को हटाने के लिए सर्जरी का उपयोग करते हैं।
डर्माटोमायोसिटिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों में सुधार की संभावना बनी रहती है। इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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