जानिए क्या है मारबर्ग वायरस? क्या है इस वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके?
Marburg Virus : कोरोना के बाद अब दुनिया भर में मारबर्ग वायरस अपने पैर पसार रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह खतरनाक वायरस एक तरह का बुखार वायरस है, जो इंसानों के साथ ही प्राइमेट्स को भी अपना शिकार बना रहा है। इसकी गंभीरता को देखते हुए फ़िलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा इसे जोखिम समूह 4 रोगजनक के रूप में देखा जा रहा है। तो चलिए जानते हैं इस वायरस के बारे में सभी बातें विस्तार से।
क्या है मारबर्ग वायरस?
मारबर्ग वायरस एक तरह का रक्तस्त्रावी बुखार है। जो आरएनए फाइलोवायरस फैमिली से संबंध रखता है। बताया जाता है कि इस वायरस को सबसे पहले साल 1967 के दौरान जर्मनी में पनपते हुए देखा गया था। इसने यहाँ मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट में अपना कहर बरपाया था जिसके बाद इसका नाम मारबर्ग वायरस रखा गया था।
क्या है मारबर्ग वायरस के लक्षण?
इस वायरस की चपेट में आने पर सबसे पहले व्यक्ति को तेज बुखार के साथ सिरदर्द और घबराहट होने लगती है। इसके साथ पेट दर्द, उल्टी, मतली और मांसपेशियों में दर्द भी इस वायरस के लक्ष्ण हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO का कहना है कि अगर इस वायरस की चपेट में आए व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिलता तो उसकी मौत भी हो सकती है।
मारबर्ग वायरस से बचने के उपाय :
मारबर्ग वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बचाव के लिए अपने ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखना जरुरी है। इसके अलावा बार-बार पानी पीना और समय पर इसका इलाज करवाना बेहद जरुरी है। बता दें कि अभी तक इस वायरस से बचाव के लिए किसी वैक्सीन का निर्माण नहीं हुआ है, लेकिन सावधानी और इलाज से इससे निजात पाया जा सकता है।
क्या है मृत्यु दर?
बताया जा रहा है कि मारबर्ग वायरस रोग बेहद घातक है। इसके अलावा वायरस से संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने पर यह अपना और भी संक्रामक रूप दिखाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरस के साथ मृत्यु दर 24 फीसदी से लेकर 88 फीसदी देखी गई है। जबकि औसत मृत्यु दर लगभग 50 फीसदी बताई जा रही है।
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