Multigrain Flour
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सर्दियों में आप भी बना रहे हैं मल्‍टीग्रेन आटे के रोटी पराठे, तो जान लें इसके नुकसान

मल्टीग्रेन आटा कई अनाजों से मिलकर बनता है। हर अनाज में पोषक तत्‍वों की मात्रा अलग होती है। न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, मल्टीग्रेन के बजाय किसी भी एक अनाज का उपयोग एक समय में करना चाहिए।
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हाइलाइट्स :

  • कई अनाजों का मिश्रण है मल्‍टीग्रेन आटा।

  • हर अनाज में पोषक तत्‍वों की मात्रा होती है अलग।

  • पाचन तंत्र पर भारी पड़ता है मल्‍टीग्रेन आटा।

  • चावल और रोटी कभी ना खाएं एकसाथ।

राज एक्सप्रेस। मल्टीग्रेन आटा इन दिनों काफी पॉपुलर हो रहा है। डायबिटीज, थायराइड, ब्‍लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों को कंट्रोल करने के अलावा वेटलॉस के लिए भी लोग अब मल्‍टीग्रेन आटे पर भरोसा करने लगे हैं। उन्‍हें लगता है कि ठंड के दिनों में कई तरह के अनाज को मिलाकर खाने से सेहत को फायदा होगा। बता दें कि एक मल्‍टीग्रेन आटा क्विनोआ, बारले, राजगीर, बाजरा को मिलकर तैयार किया जाता है। इसके अलावा इसमें फ्लेक्ससीड, सनफ्लावर सीड और पंपकिन सीड का भी उपयोग होता है। आटे में इस्तेमाल होने वाले सभी अनाज पोषक तत्‍वों का भंडार हैं। इसलिए लोग इसे बहुत फायदेमंद मानते हैं। पर क्‍या एक साथ कई अनाजों काे खाना सेहत के लिए ठीक है। अगर आप मल्‍टीग्रेन आटे को विंटर डाइट का हिस्‍सा बनाने की सोच रहे हैं, तो एक्‍सपर्ट की बताई इस बात को जरूर जान लें। न्यूट्रिशनिस्‍ट जूही कपूर ने इंस्‍टाग्राम पोस्‍ट के जरिए मल्‍टीग्रेन आटे से जुड़ी कुछ बातें शेयर की हैं। इसके साथ उन्होंने बताया है कि कैसे यह आटा पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्‍तार से।

क्या सभी अनाजों को एक साथ खाना फायदेमंद है?

जूही कपूर कहती हैं कि मल्टीग्रेन आटा कई प्रकार के अनाज से बना होता है। ऐसे में हर अनाज की न्यूट्रिशन वैल्यू अलग होती है। फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल्‍स की मात्रा हर अनाज में अलग होती है। कुछ में फाइबर ज्‍यादा है, तो कुछ में प्रोटीन की मात्रा ज्‍यादा होती है। ऐसे में हमारा शरीर हर अनाज को अलग-अलग तरह से पचाता है। फाइबर से भरपूर अनाज को पचाने में समय लगता है। इस दौरान पाचन क्रिया पर ज्‍यादा भार पड़ता है । जबकि कम फाइबर वाले अनाज जल्‍दी से पच जाते हैं। ऐसे में पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है और पेट से जुड़ी शिकायतें शुरू हो जाती हैं।

हर अनाज को अलग-अलग ही खाएं

एक्‍सपर्ट की सलाह है कि हेल्‍दी फूड के चक्‍कर में जो लोग कई अनाज को एक साथ खाते हैं, उनके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है। यह हमारे डाइजेस्टिव सिस्‍टम को कंफ्यूज कर देता है। इसलिए इन्‍हें अलग-अलग खाना जरूरी है। अगर हम सिर्फ एक ही तरह के अनाज का आटा खाते हैं, तो पाचन तंत्र बहुत अच्‍छे से अपना काम करता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व भी पूरी तरह से शरीर में लग जाते हैं।

क्‍यों अच्‍छा नहीं है मल्‍टीग्रेन आटा

  • मल्टीग्रेन आटा विभिन्न अनाजों जैसे गेहूं, जौ, जई आदि को मिलाकर बनता है।

  • लेकिन हर अनाज में विटामिन, मिनरल और फाइबर की मात्रा अलग होती है जिसे पचाने में दिक्‍कत आती है।

  • अलग-अलग अनाजों की पाचन दर और शरीर पर प्रभाव अलग-अलग होते हैं।

  • मल्टीग्रेन आटा पाचन तंत्र पर भारी पड़ता है इसलिए इसके सेवन से बचना चाहिए।

एक साथ ना खाएं चावल और रोटी

यह जानने के बाद लोगों के मन में एक सवाल जरूर आता है कि चावल और रोटी भी दो अनाज हैं, जिन्‍हें अक्‍सर एक साथ ही खाया जाता है। तो क्‍या ऐसा नहीं करना चाहिए। इस सवाल का जवाब देते हुए एक्‍सपर्ट कहती हैं कि यह बिल्‍कुल गलत है। चावल और रोटी को एक साथ खाना अनहेल्‍दी है। चावल और रोटी एक थाली में खाने ही नहीं चाहिए। आप एक समय में चावल या रोटी में से कोई भी एक खा सकते हैं।

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