17 को जलेगी 18 को खिलेगी होली
17 को जलेगी 18 को खिलेगी होलीसांकेतिक चित्र

Holi Shubh Muhurat : 17 को जलेगी 18 को खिलेगी होली

चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा में होलिका दहन। होली के आठ दिन पहले लग जाते हैं अष्टक, इनमें नहीं होते शुभ कार्य। 22 मार्च को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। होली 17 मार्च को जलेगी और 18 मार्च को खिलेगी। होली के आठ दिन पहले 10 मार्च से होलिकाष्टक लग जाएंगे और इसी दिन से सभी शुभ कार्य बंद हो जाएंगे। 22 मार्च को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा के बीच होलाष्टक के आठ दिनों के बीच विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान-वाहन की खरीदारी आदि किसी भी शुभ कार्य के मुहूर्त नहीं होते, लेकिन पूजा-पाठ धर्म कार्यो पर कोई रोक नहीं होती। वैसे तो इस समय 23 फरवरी से 24 मार्च तक गुरु तारा अस्त होने से विवाह, गृह प्रवेश, नींव, देवप्रतिष्ठा आदि शुभ कार्य बन्द है। अब इसी बीच 10 मार्च को होलाष्टक भी लग जाएंगे जो 18 मार्च तक रहेंगे।

इसलिए अशुभ है होलिकाष्टक :

हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहृलाद श्रीनारायण का अनन्य भक्त था, लेकिन हिरण्यकश्यप को अपने पुत्र का भगवान विष्णु की भक्ति करना पसंद नहीं था। इसलिए उसने अपने पुत्र को मारने के उद्देश्य से आठ दिनों तक काफी प्रताडि़त किया था और कठोर यातनाएं दी थीं, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से हिरण्यकश्यप प्रहलाद का कुछ नहीं कर सका। आठवें दिन प्रहृलाद की बुआ होलिका प्रहृलाद को गोद में लेकर आग में बैठी थी। होलिका को आग से न जलने का वरदान प्राप्त था, लेकिन नारायण की कृपा से इस आग में होलिका जलकर भस्म हो गई और प्रहृलाद को कुछ नहीं हुआ। जिस दिन होलिका भस्म हुई, उस दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि थी। तब से हर साल इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन किया जाता है और इसके बाद हर्ष और उल्लास से होली का त्योहार मनाया जाता है। होलिका दहन से आठ दिन पहले के ये दिन भक्त प्रहलाद के लिए काफी कष्टकारी थे, इसलिए इन्हें अशुभ माना गया है और कोई शुभ काम नहीं किया जाता है।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त :

चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा में 17 मार्च गुरुवार के दिन जलेगी। दोपहर 1:29 बजे से पूर्णिमा तिथि आ जाएगी और18 मार्च को दोपहर 12:47 बजे तक रहेगी। भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाता है। इस साल यह चतुर्दशी युक्त गुरुवार के दिन 17 मार्च को पूर्णिमा प्रदोष व्यापिनी है, लेकिन भद्रा भी 17 मार्च को दोपहर 01:29 से रात 1:12 बजे तक रहेगी। 18 मार्च को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि नहीं मिलेगी, इसलिए 17 मार्च गुरुवार को ही चतुर्दशी युक्त भद्रा के पुच्छ काल मे रात 9:20 से रात 10:31बजे तक होलिका दहन होगी।

18 मार्च होली खिलेगी। 22 मार्च को रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा।

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