शुरू हो रही नवरात्रि, जानिए क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योति? क्या है इसके नियम?
राज एक्सप्रेस। हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व देखा गया है। नवरात्रि को माता की स्थापना की जाती है और हर दिन देवी के नए रूप की पूजा की जाती है। मंदिरों से लेकर पंडालों में भक्तों का ताँता लगा रहता है। इसके साथ ही सभी स्थानों पर गरबों का आयोजन होता है, जिसमें सभी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस खास पर्व नवरात्रि में माता के साथ 9 दिनों तक अखंड ज्योति भी जलाई जाती है। इस अखंड ज्योति का जलना बेहद शुभ माना जाता है। आपको बताते हैं कि आखिर यह ज्योति क्यों जलाई जाती है? और इसे जलाने के नियम क्या हैं?
क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योति?
पौराणिक मान्यता है कि नवरात्रि का पर्व सभी के घर में सौभाग्य लाता है। इस दौरान माता के सामने 9 दिनों तक जो अखंड ज्योति जलाई जाती है, उसका प्रकाश परिवार की सभी समस्याओं का अंत करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा भरता है। इस ज्योति के निरंतर चलने से सभी काम सिद्ध होते हैं और मनोकामना पूरी होती है।
क्या हैं अखंड ज्योति के नियम?
'ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते’ मंत्र जाप के साथ भगवान का ध्यान कर इस ज्योति की स्थापना होती है।
अखंड ज्योति का दीपक किसी भी स्थिति में जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इसे रखने के लिए लकड़ी का पटिया रखें और इसके नीचे लाल कपड़ा बिछाएं।
9 दिनों के दौरान कभी भी इस ज्योति को बुझने ना दें। यदि इसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति को कहीं जाना भी पड़े तो किसी और को इसकी देखभाल के लिए किसी को बैठाकर जाएं।
नवरात्रि समाप्त होने के बाद भी ज्योति को खुद नहीं बुझाना चाहिए। इसे अपने आप ही बुझने देना चाहिए।
9 दिनों तक जलने वाली इस ज्योति को गाय के घी से प्रज्वलित करें। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है, और उसके घी को सबसे शुद्ध माना गया है।
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