करवा चौथ की तैयारी करती महिलाएं
करवा चौथ की तैयारी करती महिलाएंRavi Verma - RE

करवा चौथ पर शुक्र अस्त रहेगा, नवविवाहिताओं के लिए व्रत निषेध

करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है।

राज एक्सप्रेस। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस वर्ष करवा चौथ काफी खास होने वाला है। क्योंकि इस साल शुक्र अस्त हो रहा है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन और अर्घ देने के बाद व्रत खोलती है। इस बार करवा चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर बुधवार रात में 2 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर गुरुवार रात 2 बजकर 58 बजे पर समाप्त होगी। इसलिए 13 अक्टूबर को ही करवा चौथ का व्रत रखना शुभ माना जा रहा है।

नवविवाहिताएं अगले साल से करें व्रत आरंभ :

शास्त्रों के अनुसार शुक्र अस्त होने पर किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। 20 नवंबर तक शुक्र अस्त रहेगा। ऐसे में किसी तरह का मुंडन-छेदन, ग्रह प्रवेश, विवाह आदि कार्य की मनाही होती है। पंडित जगन्नाथ गुरुजी के अनुसार, कई महिलाएं लगातार 16 साल व्रत रखने के बाद उद्यापन कर देती हैं, लेकिन कई लोग जीवन भर व्रत करती हैं। शुक्र अस्त होने से इस बार उद्यापन भी निषेध है, इससे शुभ फल प्राप्त नहीं होगा। इसके साथ ही जो इस साल से करवा चौथ व्रत का शुरुआत करने वाली है वह भी इस साल से न करके अगले वर्ष से करें, तो बेहतर है। इस बार बिना व्रत किए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके सौभाग्य की कामना करें।

बाजारों में चहल-पहल शुरू :

करवा चौथ को लेकर बाजारों में चहलपहल शुरू हो गई है। महिलाओं द्वारा सौंदर्य सामग्री के साथ पूजन की वस्तुएं भी खरीदी जा रही हैं। आकर्षक करवों (दीपक) के साथ ही छलनी के स्टाल बाजारों में लग गए हैं। फिलहाल बारिश के चलते खरीदी उतनी नहीं है। अभिजात्य वर्ग की महिलाओं के संगठनों द्वारा शहर की बड़ी होटलों में सामूहिक रूप से बुकिंग कर व्रत की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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