Vivah Muhurat : 23 से 50 दिन के लिए बंद रहेंगे विवाह समारोह

यदि आप शादी का विचार बना रहे हैं, तो झटपट कर लें, क्योंकि 23 फरवरी से दो माह के लिए शादी समारोह और मांगलिक कार्य गुरुदेव अस्त होने की वजह से रुक जाएंगे।
23 से 50 दिन के लिए बंद रहेंगे विवाह समारोह
23 से 50 दिन के लिए बंद रहेंगे विवाह समारोहSocial Media

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। यदि आप शादी का विचार बना रहे हैं, तो झटपट कर लें, क्योंकि 23 फरवरी से दो माह के लिए शादी समारोह और मांगलिक कार्य गुरुदेव अस्त होने की वजह से रुक जाएंगे। उसके बाद 13 अप्रैल से विवाह समारोह शुरू होंगे। पंचांग व मुहूर्तों के अनुसार जीवन मे विवाह, नवग्रह प्रवेश, देवप्रतिष्ठा आदि शुभकार्य किए जाते हैं। कुछ ग्रहों की चाल से ऐसे योग संयोग बनते है कि इन पर रोक लग जाती है।

ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि गुरु देव 23 फरवरी को शाम 6.32 बजे पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे जो फिर एक माह बाद ही 24 मार्च को पूर्व दिशा में जाकर उदय होंगे। गुरु अस्त कालांश में तीन दिन पहले व बाद तक वृद्धत्वकाल व बलतव्यकाल रहने से इस संवत का आखिरी विवाह मुहूर्त 19 फरवरी को है। इसके बाद विवाह आदि शुभ कार्यो पर रोग रहेगी। अगला पहला विवाह मुहूर्त 14 अप्रैल के नव संवतसर 2079 में ही होगा, क्योकि सभी मुहूर्तों की गणना पंचांग के अनुसार हिंदू वर्ष से होती है और यह वर्ष विक्रम संवत से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होता है, जो इस बार 2 अप्रैल से विक्रम संवत 2079 प्रारंभ होगा। इसे हिंदू नवर्ष का प्रारंभ कहते है। इसमें पहला विवाह मुहूर्त अप्रैल में 14 को है।

हिंदू नव वर्ष में इस प्रकार रहेंगे विवाह मुहूर्त :

  • अप्रैल-2022 : 14, 19, 20, 21, 22, 23

  • मई-2022 : 2, 3, 9, 10, 11, 12, 17, 18, 20, 26, 31

  • जून-2022 : 1, 6, 8, 11, 13, 14, 20, 21,

  • जुलाई-2022 : 4, 8, 9

  • दिसम्बर-2022 : 2, 7, 8, 9, 14

  • जनवरी-2023 : 19, 25, 26, 31

  • फरवरी-2023 : 6, 9, 10, 15, 16, 22

  • मार्च-2023 : 8, 9

इन वजहों से रहेंगे विवाह बंद :

  • होलाष्टक : फाल्गुन शुक्ल अष्टमी 10 मार्च से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 18 मार्च तक होलाष्टक रहने से।

  • मीन मल मास : 14 मार्च से 13 अप्रेल तक मीन राशि मे सूर्य के रहने से मीन मल मास रहेगा। इस वजह से विवाह आदि शुभ कार्यो पर रोक रहेगी।

  • देव शयन काल : आषाढ़ शुक्ल एकादशी 10 जुलाई से कार्तिक शुक्ल दशमी 3 नवम्बर तक देव शयन काल होने से विवाह, नवीन ग्रहप्रवेश आदि पर रोक रहेगी।

  • श्राद्ध पक्ष : 10 सितम्बर से 25 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष रहेगा इसलिए रोक रहेगी।

  • शुक्र अस्त : 30 सितम्बर 23 नवम्बर तक शुक्र पूर्व में अस्त होने से विवाह आदि शुभ कार्यो पर रोक रहेगी।

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