बच्चे की हरकत से इरिटेट हो गए हैं, तो गुस्से में कभी ना कहें ये 6 बातें
हाइलाइट्स :
कभी भी बच्चों के दिल को ठेस पहुंचाने वाली बातें न कहें।
बच्चे कुछ बातें जीवन भर नहीं भूलते।
मेंटल ग्रोथ प्रभावित होती है।
नकारात्मक बातें उन्हें कुछ गलत करने पर मजबूर कर सकती हैं।
राज एक्सप्रेस। हर माता-पिता के लिए उनका बच्चा आंखों का तारा होता है। वे उन पर अपनी जान तक छिड़क देते हैं। हर जिद्द और डिमांड भी पूरी करते हैं। बच्चे जब बात न मानें, तब भी उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब बच्चा एक ही गलती को बार बार दोहराएं या दुर्व्यवहार करे, तो जाहिर है उसकी हरकतें से इरिटेट कर देती हैं और न चाहते हुए भी पेरेंट्स अपने बच्चे को दुखी करने वाली बातें कह देते हैं। शायद आप नहीं जानते कि कभी-कभी गुस्से में कही गई बातें बच्चों के दिल पर बड़ा असर कर जाती हैं। इतना ही नहीं उनकी मेंटल ग्रोथ भी प्रभावित होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चों से अनजाने में भी आहत करने वाली बात नहीं कहनी चाहिए। बच्चा कितना भी बड़ा हो जाए, वह उन बातों को भुला नहीं पाता और कुछ गलतियों के लिए खुद को जीवनभर दोषी मानता रहता है, जो उसके मानसिक विकास के लिए ठीक नहीं है। बच्चों की ऐसी हालत देखकर शायद आगे आपको भी पछतावा हो, कि आपने ऐसा क्यों कहा था। यहां हम कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें माता-पिता को कभी भी अपने बच्चों से नहीं कहना चाहिए।
“काश तुम कभी पैदा ही न हुए होते”
बच्चे की कुछ हरकतें माता-पिता को बहुत हर्ट कर जाती हैं। ऐसे में वह उससे परेशान होकर कह देते हें कि काश हमने तुम्हें जन्म ही नहीं दिया होता। आपकी यह बात बच्चे के दिल को चोट तो पहुंचाती ही है साथ ही वह खुद को भी दोषी मानने लगता है, कि वह पैदा ही क्यों हुआ। मर क्यों नहीं गया। इसलिए गुस्सा हों, लेकिन सोच समझकर बच्चों के सामने शब्दों का इस्तेमाल करें।
“तुम मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती हो”
आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि आपकी इस मामूली सी बात का बच्चे पर क्या असर पड़ेगा। उस वक्त बेशक वह कुछ ना करे, लेकिन आपकी इस बात का वह बहुत बड़ा मतलब निकाल सकता है। खासतौर से तब जब बच्चा एग्रेसिव नेचर का हो। आपकी इस गलती को सुधारने के लिए वह खुद के साथ कुछ भी गलत कर सकता है, ताकि आपको कभी उसकी तरफ से दुख ना मिले। फिर आपके पास पछताने के अलावा कुछ नहीं रह जाएगा।
“अपना चेहरा फिर कभी मत दिखाना”
आजकल के बच्चे पहले के बच्चों की तरह नहीं है, जो सुनकर बातों को इग्नोर कर देते थे। ये हाईटेक बच्चे हैं। इन बच्चाें से कही गई एक नेगेटिव बात, इनके दिमाग पर चढ़ जाती है। पैरेंट्स के रूप में आपने गुस्से में कह भी दिया कि आगे से अपना चेहरा मत दिखाना- तो वे आपकी इस बात को सच करने में ज्यादा वक्त नहीं लगाएंगे। इसलिए उनसे कुछ भी गलत कहने से पहले दस बार सोच लें।
“तुम मेरे लिए मर गए हो”
माता-पिता बच्चों से कितना भी कुछ क्यों न कह दें, लेकिन दिल से वह उनका कभी बुरा नहीं चाहते। जब बच्चा कुछ शर्मनाक हरकत कर दे और हालात कंट्रोल में न हो, तो अक्सर मां बाप के मुंह से यह बात निकल ही जाती है। लेकिन गुस्से में कही गई एक बात उन्हें हमेशा के लिए अपने बच्चे से दूर कर सकती है। इसलिए बच्चो से कभी यह बात न कहे, भले ही उसने कितनी भी बड़ी गलती क्यों न की हो।
“तुमसे अच्छे, तो तुम्हारे भाई बहन हैं”
कई बार माता-पिता अपने बच्चे से कह देते हैं कि तुम किसी लायक नहीं हो, तुमसे अच्छे से तुम्हारे भाई या बहन हैं। स्थिति चाहे कोई भी हो, बच्चों के सामने ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए। क्योंकि हर बच्चे की अपनी क्षमता होती है। आपके ऐसा कहने से उसके मन में यह बात घर कर जाएगी कि वह कभी भी कुछ भी सही नहीं कर सकता।
“तुम इतने सुस्त क्यों हों, न जाने किस पर गए हो”
जब बच्चा स्पीड से काम न करे तो बहुत से माता-पिता बच्चों को चिल्लाते और डांटते हैं - कि वो जल्दी जल्दी काम क्यों नहीं कर सकता। आपके बार-बार ये बात कहने से उसके काम करने की क्षमता पर गलत प्रभाव पड़ता है। बच्चे अभी छोटे हैं, उनका ध्यान बड़ों के मुकाबले ज्यादा इधर उधर भटकता है। ऐसे में हमेशा उसे हमेशा ताने देते रहना कि वो स्लो काम करता है, सही नहीं है। इस बात को आप सकारात्मक लहजे में कह सकते हैं। इससे अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
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