कार्तिक आर्यन को आज भी मिलती है पॉकेट मनी, हर पैरेंट जानें बच्‍चे को कब और कितना दें जेब खर्च

अगर आपके बच्‍चे भी पॉकेट मनी की डिमांड करते हैं, तो जानना जरूरी है कि आपको उन्‍हें कब से और कितनी पॉकेट मनी देना चाहिए।
बच्‍चे को कब और कितना दें जेब खर्च
बच्‍चे को कब और कितना दें जेब खर्चRaj Express

हाइलाइट्स :

  • हर पैरेंट को बच्‍चों को देनी चाहिए पॉकेट मनी।

  • पॉकेट मनी बच्‍चों को मनी मैनेजमेंट सिखाती है।

  • 7-8 साल की उम्र में पॉकेट मनी देना शुरू करें।

  • छोटे बच्‍चों को देना चाहिए कैश।

राज एक्सप्रेस। हाल ही में बॉलीवुड एक्‍टर कार्तिक आर्यन ने खुलासा किया कि वे उन्‍हें आज भी पॉकेट मनी मिलती है। उनका सारा फाइनेंस उनकी मां देखती हैं और उन्‍हें जरूरत के हिसाब से खर्च करने के लिए जेब खर्च मिलता है। वास्‍तव में पॉकेट मनी बड़े हो या छोटे सभी के लिए बहुत मायने रखती है। आजकल स्‍कूल जाते बच्‍चे भी पॉकेट मनी की डिमांड करते हैं। उन्‍हें भले ही स्‍कूल जाना ना भाए, लेकिन पॉकेट मनी तो जरूर चाहिए, ताकि वे अपनी मर्जी से कुछ चीजों पर खर्च कर सकें। हालांकि, पॉकेट मनी बच्‍चों को पैसे की अहमियत और बचत करना सिखाती है। कई पेरेंट्स के मन में ये सवाल उठता है कि बच्‍चे को किस उम्र से और कितना जेब खर्च देना चाहिए। अगर आप भी अपने बच्‍चे को पॉकेट मनी देने पर विचार कर रहे हैं, तो इस आर्टिकल से आपको काफी मदद मिल सकती है।

बच्‍चों को पॉकेट मनी किस उम्र में दें

वैसे तो पॉकेट मनी देना शुरू करने की कोई निश्चित उम्र नहीं है, लेकिन इसे तभी शुरू करना चाहिए, जब बच्‍चे थोड़े मैच्‍योर हाे जाएं। 7-8 साल तक की उम्र परफेक्‍ट है। इस उम्र तक आते-आते बच्‍चे पैसे संभालने में सक्षम हो जाते हैं। कुछ बच्‍चे कम उम्र में ही पैसों का मूल्‍य समझने लगते हैं। आपको जैसे ही लगे कि बच्‍चे इन सभी बातों को समझते हैं, आप उन्‍हें खर्च के लिए कुछ पैसे दे सकते हैं।

बच्‍चों को कितनी पॉकेट मनी देनी चाहिए

बच्‍चे को कितनी पॉकेट मनी देना है, यह आपकी परिस्थितियों पर निर्भर करता है। बच्‍चे को पॉकेट मनी देते वक्‍त याद रखें कि आपका बजट ना बिगड़े। इतनी ज्‍यादा पॉकेट मनी ना दें कि बच्‍चा फिजूलखर्ची करें। बच्‍चे की उम्र और जरूरत के हिसाब से उन्‍हें जेब खर्च देना सही है।

पॉकेट मनी क्‍या-क्‍या कवर कर सकती है

  • बच्‍चे अपने लिए खिलौने खरीद सकते हैं।

  • आउटिंग जैसे मूवीज पर खर्च कर सकते हैं।

  • भाई बहिन या परिवार वालों के लिए गिफ्ट ला सकते हैं।

  • पैसे पास हों, तो आने जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज कर सकते हैं।

  • हफ्ते में एक बार कैंटीन में खाना खा सकते हैं।

जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता जाता है, आप उसे इस बारे में ज्‍यादा जिम्मेदारी दे सकते हैं कि उसे अपनी पॉकेट मनी का उपयोग और किन कामों के लिए करना है। जैसे वे अपने फोन बिल का भुगतान करने की जिम्‍मेदारी उठा सकते हैं।

पॉकेट मनी कैश दें या ऑनलाइन

चूंकि आजकल छोटी उम्र में बच्‍चों के पास फोन होते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के मन में यह सवाल उठता है कि पॉकेट मनी कैश दें या ऑनलाइन। बता दें कि बच्‍चा जब तक छोटा है, उसे कैश देना ही ठीक है। इससे वह पैसे का मूल्‍य और पैसों की बचत करना सीखेगा। ऐसा करने से उसे पैसे जोड़ने या घटाना सीखने में भी मदद मिलेगी। जैसे-जैसे बच्‍चा बड़ा हो तो पॉकेट मनी भी डबल हो जाती है। ऐसे में पॉकेट मनी ऑनलाइन दी जाए, तो यह सेफ और सिक्योर तरीका है। इससे बच्‍चे ऑनलाइन मनी मैनेजमेंट भी सीख जाते हैं।

पॉकेट मनी देने के टिप्‍स

  • अपने बच्चे को समझाएं कि पॉकेट मनी किसके लिए है और किसके लिए नहीं।

  • बचत, खर्च और दान में कितना पैसा खर्च किया जा सकता है, इसके बारे में गाइडलाइन दें।

  • आप बच्‍चे को वीकली या मंथली पॉकेट देना है, तय करना होगा।

  • अपने बड़े बच्चे की पॉकेट मनी सीधे उनके बैंक खाते में जमा करें। इससे उन्हें डिजिटल पैसे से परिचित होने और एटीएम कार्ड का उपयोग करने के लिए तैयार करने में मदद मिल सकती है।

  • बच्‍चे को उधार देने और उधार लेने के बारे में ही सिखाएं।

आपकी ओर से बच्‍चों को दी जाने वाली पॉकेट मनी की राशि आपके परिवार के मूल्यों, वित्तीय परिस्थितियों और आपके बच्चे की जरूरतों के हिसाब से होनी चाहिए। अपने बच्चे के साथ अपनी अपेक्षाओं पर भी चर्चा करना जरूरी है। ताकि वे समझ सकें कि पॉकेट मनी का उद्देश्य क्या कवर करना है और क्‍या नहीं।

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