क्‍या 3 साल के बच्‍चे को रोजाना पढ़ाना चाहिए
क्‍या 3 साल के बच्‍चे को रोजाना पढ़ाना चाहिएSyed Dabeer Hussain - RE

क्‍या 3 साल के बच्‍चे को रोजाना पढ़ाना चाहिए, जानिए क्‍या कहते हैं एक्सपर्ट

अगर आपका बच्‍चा भी 3 साल का है, तो उस पर अभी से एकेडमिक स्‍टडीज का प्रेशर नहीं डालना चाहिए। उसके साथ मस्‍ती करना और अलग-अलग तरह की एक्टिविटी में उसे इन्वॉल्व करना उसके डवलपमेट के लिए बहुत अच्‍छा है।

हाइलाइट्स :

  • छोटे बच्‍चों के लिए याद रखना मुश्किल होता है।

  • तीन साल के बच्‍चे को पढ़ाएं नहीं।

  • पढ़ाने के बजाय 1 घंटा एक्टिविटी कराएं।

  • बच्‍चे की प्रोग्रेस की तुलना किसी से न करें।

राज एक्सप्रेस। सपना जायसवाल की बेटी 3 साल की है, जो प्री स्‍कूल जाती है। सपना रोजाना अपनी बेटी को एक घंटे बैठकर पढ़ाती हैं। वो भी कॉपी किताबों में से। पर सोचने वाली बात यह है कि सपना 3 साल के बच्‍ची को बैठाकर आखिर क्‍या पढ़ाती हैं। पूछने पर पता चला कि वह उसे नंबर, लेटर, कलर नेम जैसी चीजें याद कराती हैं साथ ही लिखना भी सिखाती हैं। पर क्‍या यह सही है। क्‍या 3 साल का बच्‍चा इस पढ़ाई को समझता है। पैरेंटिंग कोच प्रीति वैष्‍णवी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए इस सवाल का जवाब दिया है। उनके अनुसार, 3 साल के बच्‍चे बहुत छोटे होते हैं, उन्‍हें बैठाकर पढ़ाने की कोई जरूरत नहीं होती।

पढ़ाई नहीं एक्टिविटी का हिस्‍सा बनाएं

एक्‍सपर्ट कहती हैं कि 3 साल के बच्‍चे या प्री स्‍कूलर्स को उन एक्टिविटीज का हिस्‍सा बनाएं, जो उनकी डेवलपमेंट के लिए जरूरी हैं। हालांकि, इस उम्र से बच्‍चे को ऑफिशियल तरीके से पढ़ाया नहीं जाना चाहिए। इस उम्र में पढ़ना इतना जरूरी नहीं है, जितना कि अन्‍य गतिविधियों में शामिल होना है। उन्‍हें एक ऐसा पोषक वातावरण दें, जो उनकी जिज्ञासा और सोशल नेटवर्क को मोटिवेट करे।

सिटिंग टॉलेरेंस बढ़ाएं

दो तरह के बच्‍चे होते हैं। एक ओवरएक्टिव और दूसरे इंट्रोवर्ट। इन दोनों ही तरह के बच्‍चों को कुछ देर तक एक ही जगह पर बैठना सिखाना चाहिए। जब ये बच्‍चे बैठना सीख लेंगे, तो उनके लिए एक्टिविटीज को समय देना आसान हो जाएगा।

प्रीस्कूल में 3 साल के बच्चों को क्या सीखना चाहिए

इस स्‍टेज में बच्चों को ट्राई साइकिल चलाने,लड़कियों और लड़कों के बीच अंतर देखने, कपड़े पहनने और कपड़े उतारने में मदद करने, दूसरे बच्चों के साथ खेलने और गाना सीखना चाहिए।

3 साल के बच्‍चे को क्‍या कराएं

ब्‍लॉक्‍स के साथ खेलना :

ब्‍लॉक बनाने से बच्‍चों में मोटर स्किल्स और अवेयरनेस बढ़ती है।

झूठ मूठ के खेल खेलना

घर-घर खेलना, गुड़िया काे सजाना, किचन में खाना बनाने जैसे कल्पनाशील खेलों को खेलने के लिए प्रोत्‍साहित करें।

आर्ट एंड क्राफ्ट

अपने बच्चे को क्रेयॉन, फिंगरप्रिंट या मिट्टी का उपयोग करके उसकी क्रिएटिविटी को एन्हांस कर सकते हैं।

बु‍क रीडिंग

अपने बच्चे के साथ किताबें पढ़ें, इससे उसकी रीडिंग और लर्निंग स्किल बढ़ेगी।

आउटडोर गेम

अपने बच्चे को बाहर घूमने और खेलने दें। आउटडोर गेम मोटर स्किल और फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा देता है।

पजल गेम

इस उम्र के बच्‍चों को पहेलियां सुलझाना सिखाएं। इससे उनकी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल में सुधार होगा।

3 साल के साथ ध्‍यान रखें ये बातें

  • बच्‍चों पर एकेडमिक स्टडीज का बहुत ज्‍यादा दबाव न डालें।

  • अपने बच्‍चों की प्रोग्रेस या कैपेबिलिटी की तुलना दूसरे बच्‍चों से न करें।

  • बच्‍चे को अनुशासन सिखाएं, लेकिन चिल्लाने और पीटने जैसे कदम न उठाएं।

  • बच्‍चे की भावनात्मक जरूरतों पर ध्‍यान दें।

  • स्‍क्रीन टाइम को कम करें।

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