बच्चों को हवा में उछालने पर होते हैं ये नुकसान, आप भी जान लीजिए
हाइलाइट्स :
बच्चे को हवा में उछालना मजेदार एक्टिविटी है।
ऐसा करने से बच्चे की गर्दन की मांसपेशियां हो जाती हैं कमजोर।
बच्चे को हवा में उछालने से होता है शेकन बेबी सिंड्रोम।
छोटे बच्चे की गर्दन और सिर को सहारा देना जरूरी।
राज एक्सप्रेस। छोटे बच्चे सभी को प्यारे होते हैं। इन्हें देखकर ही ऐसा लगता है कि बस इनके साथ कितनी मस्ती कर ली जाए। जब ये बच्चे खिलखिला कर हंसते हैं, तो इन्हें देखकर बहुत अच्छा लगता है। कई पैरेंट्स खेल-खेल में अपने छोटे बच्चों को हवा में उछाल देते हैं। अगर आपके घर में भी छोटे बच्चे हों, तो आपने ऐसा होते जरूर देखा होगा। उछालने पर बच्चा जोर जोर से हंसता है। शायद पैरेंट्स ऐसा उसकी प्यारी सी हंसी को सुनने के लिए करते हैं, लेकिन बच्चे के साथ यह मस्ती आपका नुकसान करा सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बच्चे को हवा में उछालना मना है। उनके अनुसार, इस तरह की गतिविधियां न केवल आपके छोटे बच्चे के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा पैदा कर सकती हैं। यहां बताया गया है कि बच्चे को हवा में क्यों नहीं उछालना चाहिए।
बच्चों को हवा में क्यों नहीं उछालना चाहिए
चोट लगने का डर
बच्चे का सिर शरीर के बाकी हिस्सों के अनुपात में बड़ा होता है। उनके सिर की लंबाई उनके शरीर की कुल लंबाई का लगभग एक-तिहाई होती है। इससे उन्हें अपना सिर स्थिर रखने में कठिनाई होती है। ऐसे में जब आप अपने बच्चे को कुछ इंच भी ऊपर उछालते हैं, तो उनका सिर तेजी से आगे-पीछे होता है। इससे उनके गर्दन की मांसपेशियां खिंच जाती है, जिससे चोट लग सकती है। जो उनके लिए दर्दनाक है।
गर्दन की मांसपेशियां कमजोर होना
बच्चे की गर्दन की मांसपेशियां उनके बड़े सिर को सहारा देने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होती। इसलिए, ऊपर उछालते समय उनका सिर डगमगाता है। इसका मतलब यह है कि उनके सिर आगे की तरफ झुक सकता है और उनका वायुमार्ग प्रभावित हो सकता है। इससे वह ठीक से सांस नहीं ले पाता। इसीलिए माता-पिता को अपने बच्चों को उठाते, पकड़ते, इधर-उधर ले जाते समय या नीचे लिटाते समय उनके सिर को सहारा देना चाहिए।
शेकन बेबी सिंड्रोम
हम सभी जानते हैं कि बच्चे का मस्तिष्क बेहद नाजुक होता है। ऐसे में अगर आप बच्चे को हवा में उछालते हैं, तो मस्तिष्क की चोट और शेकन बेबी सिंड्रोम (एसबीएस) का खतरा होता है। यह सिंड्रोम आमतौर पर तब होता है जब माता-पिता गुस्से के कारण बच्चे को जबरदस्ती हिलाते हैं।
हड्डियों पर असर
क्या आप जानते हैं कि बचपन में लगने वाली सबसे आम चोट ऊंचाई से गिरने के कारण लगती हैं। कई बार बच्चों को हवा में उछालने के बाद पेरेंट्स उसे पकड़ नहीं पाते और बच्चा गिर जाता है। किसी चीज के टकराने से चोट का खतरा बढ़ सकता है। बच्चा अगर 8 फीट ऊपर से फर्श पर गिरता है, तो उसकी हड्डियां टूटने की संभावना ज्यादा रहती है। बता दें कि छोटे बच्चों की हड्डियां काफी नाजुक होती हैं, इसलिए इस तरह की एक्टिविटी से उन्हें फ्रैक्चर भी हो सकता है।
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