जानिए 14 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस? बड़ी दिलचस्प है इसकी कहानी
राज एक्सप्रेस। हर साल 14 दिसंबर को दुनिया के कई देशों में International Monkey Day यानि अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस मनाया जाता है। ख़ास बात यह है कि इस दिन को संयुक्त राष्ट्र या अन्य किसी वैश्विक संस्था द्वारा आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया है, फिर भी कई देशों में इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिन लोगों को बंदरों सहित अन्य जानवरों के प्रति जागरूक किया जाता है, ताकि लोगों के मन में जानवरों के प्रति प्यार का भाव रहे।
कैसे शुरू हुआ बंदर दिवस?
अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस के शुरू होने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। इसे शुरू करने का श्रेय कंटेम्पररी आर्टिस्ट केसी सॉरो और एरिक मिलीकिन को जाता है। दरअसल एक दिन सॉरो अपने दोस्त के घर पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने वहां टंगे कैलंडर पर 14 दिसंबर की तारीख पर मंकी डे का चिट लगा दिया। इसके बाद सभी दोस्तों ने 14 दिसंबर को मंकी डे सेलिब्रेट किया। अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद केसी सॉरो और उनके दोस्तों ने मंकी डे को प्रमोट करना शुरू किया। इसके लिए वह बंदरों की पेंटिंग बनाते थे। धीरे-धीरे उनकी पेंटिंग लोकप्रिय होती गई और कई देशों ने 14 दिसंबर को मंकी डे मनाना शुरू कर दिया।
कैसे किया जाता है सेलिब्रेट?
दरअसल इस दिन दुनिया के कई देशों में कला प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं। चिड़ियाघरो में बंदरों से जुड़े कार्यक्रम रखे जाते हैं। यूरोपीय देश एस्टोनिया के टालिन्न चिड़ियाघर में इस दिन चिंपैजी द्वारा बनाई गई पेंटिंग बेची जाती है। भारत में भी इंदिरा गाधी जूलोजिकल पार्क में इस दिन बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
बंदरों के बारे में रोचक तथ्य :
पूरी दुनिया में बंदरों की कुल 264 प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत में सर्वाधिक मात्रा में मकैक व लंगूर प्रजाति के बंदर पाए जाते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि बंदर अंतरिक्ष में भी जा चुका है। साल 1949 में अमेरिका ने अल्बर्ट द्वितीय नाम के एक बंदर को अंतरिक्ष में भेजा था। हालांकि वापस लौटते समय पैराशूट की समस्या के चलते उसकी मौत हो गई थी।
दुनिया के सबसे छोटे बंदर का साइज़ महज 4.6 इंच है।
चिम्पैंजी बंदरों में पाई जाने वाली सबसे होशियार प्रजाति है।
बंदर ही एकमात्र ऐसा जीव है जिससे इंसानों का DNA 98% तक मेल खाता है।
मनुष्य के अलावा बंदर ही एक ऐसा जीव है जो केले के छिलके को उतारकर खाता है।
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