शरीर को ठंडक देती है आइस टी।
गर्मियों की बेस्ट हाइड्रेटिंग ड्रिंक है ये चाय।
लंच के बाद कर सकते हैं इसका सेवन।
जरूरत से ज्यादा आइस टी बढ़ा सकती है पाचन की समस्या।
राज एक्सप्रेस। चिलचिलाती गर्मी में कुछ ठंडा पीने की इच्छा होती है। वैसे तो आमतौर पर लोग जूस, शेक और कोल्ड ड्रिंक पीकर खुद को कूल रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन अब समर ड्रिंक की लिस्ट में आइस टी का नाम नया है। अब लोग गर्मियों में आइस्ड टी पीना पसंद करते हैं। यह शरीर को ठंडक देने के साथ ही कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी निजात दिलाती है। खासतौर से गर्मियों में पानी की कमी को पूरा करने के लिए आइस टी बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। गर्मियां शुरू होते ही आप इसे अपने डेली डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं आइस टी के फायदे और नुकसान के बारे में।
गर्मियों में ओवरऑल हेल्थ के लिए हाइड्रेशन बहुत जरूरी है। आइस टी आपको हाइड्रेट रखने का बेहतरीन विकल्प है। पानी से बनी होने के कारण यह ड्रिंक शरीर में पानी की कमी नहीं होने देती।
चाय, चाहे गर्म हो या ठंडी, एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन सोर्स है। ये कंपोनेंट आपकी सेल्स को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं , जिससे क्रॉनिक डिजीज का खतरा कम रहता है।
बिना चीनी वाली आइस्ड चाय कैलोरी-फ्री होती है। अगर आप अपना वजन कंट्रोल करना चाहते हैं तो बिना चीनी वाली आइस्ड टी का सेवन करना फायदेमंद है।
पुदीना या अदरक जैसी हर्बल आइस्ड टी , पाचन तंत्र पर अच्छा असर डालती हैं। ये अपच, सूजन और अन्य पाचन संबंधी परेशानियों को कम करने का अच्छा तरीका है।
ब्लैक या ग्रीन टी की पत्तियों से बनी आइस्ड टी में कैफीन होता है, जो मानसिक सतर्कता और फोकस को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह कॉफी की तुलना में कैफीन का लाइट सोर्स है, इसलिए ऊर्जा की कमी महसूस होने पर इसका सेवन कर सकते हैं।
अगर आपको अक्सर ओरल हेल्थ इशू रहते हैं, तो आइस टी का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद है। बिना चीनी वाली आइस्ड चाय से दांतों में सड़न होने की संभावना कम होती है।
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव के मुताबिक आइस टी का सेवन लंच के बाद या फिर स्नैक टाइम पर कर सकते हैं। जो लोग डिनर के बाद आइस टी लेना चाहते हैं, उनके लिए भी अच्छी है, बशर्ते उन्हें एसिडिटी की समस्या न हो। सुबह-सुबह चाय की जगह आइस टी बहुत ज्यादा फायदा नहीं पहुंचाती, इसलिए इसे सिंपल चाय या दूध से रिप्लेस करने की कोशिश न करें।
जिन लोगों को आयरन को अवशोषित करने में दिक्कत होती है, उनके लिए आइस टी बीमारी का कारण है। दरअसल, इस तरह की चाय में टैनिन ज्यादा होता है। इसका सेवन तब तक ही अच्छा है, जब तक किसी व्यक्ति को आयरन अवशोषण की समस्या न हो। टैनिन आयरन से बंध जाता है और एनीमिया के खतरे को बढ़ा सकता है। इसी तरह जिन लोगों को हड्डियों से जुड़ी समस्या है, उन्हें भी आइस टी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि आइस्ड टी वास्तव में आपके शरीर के बोन बिल्डिंग कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता में रुकावट पैदा करती है। जिससे बोन हेल्थ के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
आइस्ड टी सिर्फ एक टेस्टी और रिफ्रेशिंग ड्रिंक ही नहीं है, बल्कि इससे सेहत भी ठीक रहती है। बस इसका सीमित मात्रा में सेवन करने की कोशिश करें। क्योंकि जरूरत से ज्यादा पीने से सिरदर्द, खराब पाचन, खराब नींद और किडनी में स्टोन की शिकायत हो सकती है।
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