दर्ज FIR पर बोले ओवैसी- पहली प्राथमिकी है, जो निर्दिष्ट नहीं कर रही की अपराध क्या है
दिल्ली, भारत। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा भड़काऊ बयान को लेकर कुछ नेताओंं के खिलाफ केस दर्ज किया गया, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी शामिल है। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी पर दर्ज केस को लेकर उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट के जरिए अपना रिएक्शन दिया और यह बात कही है।
मुझे FIR का एक अंश मिला है :
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा- मुझे FIR का एक अंश मिला है। यह पहली प्राथमिकी है, जो मैंने देखी है जो यह निर्दिष्ट नहीं कर रही है कि, अपराध क्या है? एक हत्या के बारे में एक प्राथमिकी की कल्पना करें जहां पुलिस हथियार का उल्लेख नहीं करती है या पीड़ित की मौत हो जाती है। मुझे नहीं पता कि मेरी किस विशिष्ट टिप्पणी ने प्राथमिकी को आकर्षित किया है।
अगर मोदी ईमानदार होते तो वे नकली बैलेंस-वाद में शामिल हुए बिना अभद्र भाषा पर मुहर लगाते। जातिसंहार से नफरत करने वालों को पदोन्नति पाने के बजाय गैर-जमानती कठोर कानूनों के तहत जेल में डाल दिया जाए
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी
हम इन युक्तियों से भयभीत नहीं होंगे :
इतना ही नहीं बल्कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आगे यह भी कहा कि, ''जहां तक मेरे खिलाफ एफआईआर की बात है, हम अपने वकीलों से सलाह लेंगे और जरूरत पड़ने पर इसका समाधान करेंगे। हम इन युक्तियों से भयभीत नहीं होंगे। अभद्र भाषा की आलोचना करने और अभद्र भाषा देने की तुलना नहीं की जा सकती।''
बता दें कि, भड़काऊ बयानों को लेकर सिर्फ आईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ही नहीं बल्कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा, श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भाजपा के पूर्व प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल, शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुल रहमान, गुलजार अंसारी, अनिल कुमार मीणा और पूजा शकुन के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
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