राज्यपाल अभिभाषण चर्चा पर खट्टर का जवाब, विपक्ष को लिया आड़े हाथ
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राज्यपाल अभिभाषण चर्चा पर खट्टर का जवाब, विपक्ष को लिया आड़े हाथ

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण पर चर्चा के जबाव में हर मुद्दे का जवाब दिया।

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण पर चर्चा के जबाव में हर मुद्दे का जवाब दिया। वहीं सदन में हुई खट्टी-मीठी बहस के बावजूद गरिमा बनाये रखते हुये लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखने की अपनी कला का भी परिचय दिया।

सत्र में चर्चा के दौरान गत चार मार्च को सदन में जब हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक-2022 प्रस्तुत किया गया, तो उस समय अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई जब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक डा. रघुबीर सिंह कादियान ने विरोध में उत्तेजित होकर विधेयक की प्रति तक फाड़ दी।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुये इसे संविधिक दस्तावेजों का अपमान बताया और डॉ. कादियान को सत्र की शेष अवधि के लिए निलम्बित कर दिया, लेकिन आज प्रतिपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के अनुरोध पर डा. कादियान का निलम्बन रद्द कर दिया।

मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गये मुद्दों का एक-एक कर जवाब देते हुये कहा कि मनरेगा के तहत वर्ष 2021-22 में फरवरी 2022 तक 6,75,487 लोगों ने आवेदन किया तथा 6,74,947 को रोजगार की पेशकश की गई, जिसमें से 5,41,000 ने मनरेगा में कार्य किया।

उन्होंने कहा कि, वह आलोचनाओं के पक्षधर भी हैं बशर्ते कि वे सही हों। उन्होंने कुछ आलोचनाओं पर खेद व्यक्त किया और कहा कि जो उडऩे का शौक रखते हैं, उन्हें गिरने का खौफ नहीं होता।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग रोड़े अटकाते रहते हैं, लेकिन वह लोक कल्याण और लोकहित की बात करते रहेंगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुये कहा कि अकड़ सही है, लेकिन ठीक काम के लिए होनी चाहिए।

श्री खट्टर ने कहा कि वह कल बजट पेश करेंगे। इससे पहले उन्होंने आठ बजट पूर्व बैठकें कर लगभग 550 लोगों से लिखित सुझाव लिये हैं, जिन पर अध्ययन कर अच्छे सुझावों को बजट में शामिल किया है।

श्री हुड्डा के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि एनसीआर बोर्ड का गठन 1985 में किया गया था, उस समय राज्य के आठ जिले थे और 2013 में भिवानी, महेन्द्रगढ़, करनाल, जींद, पानीपत को शामिल किया गया। एनसीआर योजना बोर्ड को सात से आठ प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराता है। राज्य की आर्थिक स्थिति सही है और अन्य एजेंसियों से 6.9 प्रतिशत की दर से ऋण मिल रहा है।

गुरुग्राम की विकास परियोजनाओं की तुलना भिवानी, महेंद्रगढ़ जिलों की परियोजनाओं से नहीं की जा सकती है।

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