गोवा में पिछले चुनाव में किसी को नहीं मिला था बहुमत
नई दिल्ली। गोवा विधानसभा की 40 सीटों के लिए 2017 में हुए चुनाव में कोई भी पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े 21 को नहीं छू नहीं सकी थी और 13 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने अन्य के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। कांग्रेस पार्टी को 17 सीटें मिली थी, लेकिन वह जोड़-तोड़ के प्रयास में भाजपा से पीछे रह गई। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने एक सीट और अन्य दलों ने नौ सीटों पर जीत हासिल की थी।
आगामी चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ राकांपा तथा क्षेत्रीय दल मुकाबले को बहुकोणीय बना सकते हैं। सुश्री ममता बनर्जी और श्री अरविंद केजरीवाल राज्य का चुनावी दौरा कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी वहां भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की विफलताओं के साथ साथ मछुआरों के मुद्दे उछाल रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा तथा कुछ अन्य वरिष्ठ नेता रैलियों को संबोधित कर चुके हैं। गोवा में 16 नवंबर 2020 तक मतदाताओं की कुल संख्या 11,36,591 थी, जिसमें विशेष संशोधन के उपरांत मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी से यहा 11,44,987 हो गई।
गोवा में श्री मनोहर पार्रिकर के नेतृत्व में भाजपा ने वर्ष 2012 में स्पष्ट बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाई थी, लेकिन वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में राजग सरकार बन जाने से श्री पर्रिकर को रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी दे दी गई और राज्य में सत्ता की बागडोर श्री लक्ष्मीकांत पर्सेकर को सौंपी गई। वहीं 2017 में विधानसभा के चुनाव नतीजे भाजपा के लिए पूर्ण रूप से उलटे रहे, हालांकि कई सियासती दांवपेंच के बीच भाजपा अन्य दलों का विश्वास जीतने में कामयाब रही और श्री पर्रिकर नेतृत्व में सरकार बनाई। सत्रह मार्च-2019 को उनके निधन के बाद डॉ. प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।
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