राज एक्सप्रेस। हाल ही में सरकार ने देश के कर्मचारियों को बुरी खबर देते हुए उनके महंगाई भत्ते (DA) को काटने की बात कही थी। वहीं, अब इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, सरकार ने यह फैसला देश में कोरोना वायरस के चलते आई आर्थिक मंदी से निपटने के लिए लिया था। दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह ने DA में कटौती को लेकर अपनी बात रखते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
पूर्व प्रधानमंत्री का कहना :
इस मामले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि, ऐसे समय में केंद्रीय कर्मचारियों और सैनिकों को मुश्किल में डालना उचित नहीं है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की ओर से एक प्रमुख सलाहकारों की बैठक की गई। बैठक के वीडियो के अनुसार, मनमोहन सिंह ने बैठक में यह भी कहा है कि, इन हालातों में कांग्रेस पार्टी को सरकारी कर्मचारी और सैनिकों के साथ खड़े रहना होगा।
जानकारी के लिए बता दें, कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में एक सलाहकार समूह को गठित किया है। जिसके अध्यक्ष मनमोहन सिंह हैं। वहीं, इस समूह की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 1 दिन के अंतराल में की जाती है। इसी मीटिंग के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि, "हमें उन लोगों के साथ खड़े रहना है जिनके भत्ते काटे जाने के सरकार ने आदेश दिए हैं, क्योंकि इस सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों शस्त्र बल वाले सैनिकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना :
इस बारे में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि, सरकार एक तरफ तो 'सेंट्रेल विस्टा परियोजना' के तहत पैसे खर्च कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ मिडिल क्लास लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि, यह पैसा गरीबों की मदद के खर्च किया जाएगा। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर इल्जाम लगाते हुए यह भी कहा है कि, लाखों करोड़ों रुपए की लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना और 'सेंट्रेल विस्टा परियोजना' को निलंबित करने की वजह कोरोनावायरस महामारी से जुड़कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों और देश के जवानों को महंगाई भत्ता कम करने का सरकार का निर्णय संवेदनहीन और अमानवीय है। राहुल गांधी ने अपने विचार 1 ट्वीट द्वारा शेयर किए।
चिदंबरम और सुरजेवाला का कहना :
DA से जुड़े मुद्दे पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि, सरकार को कर्मचारियों के भत्ते में कटौती करने के स्थान पर सेंट्रल परियोजना और दूसरे गैर जरूरी कार्य में लगने वाले खर्च को रोकना चाहिए।
विपक्ष पार्टी की दलील :
विपक्ष पार्टी यानी कांग्रेस ने दलील देते हुए सरकार को कर्मचारियों पेंशन भोगियों के DA में वृद्धि नहीं करने के फैसले को 'जले पर नमक छिड़कने' के समान बताया है। इस मामले में कांग्रेस पार्टी का कहना है कि, नरेंद्र मोदी सरकार को सैनिकों को और कर्मचारियों को भत्ते काटने (DA) की वजह ‘सेंट्रल विस्टा', बुलेट ट्रेन परियोजनाओं और फिजूल खर्च पर ध्यान देना चाहिए और इनमें रोक लगनी चाहिए। सरकार के DA से जुड़े फैसले के बारे में जानने के लिए - क्लिक करें
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