LGBTQIA कम्युनिटी को पहली बार किसी राजनीतिक दल ने घोषणा पत्र में किया शामिल

Congress Manifesto 2024 : इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने LGBTOIA+ समुदाय (LGBTQIA Community) को साधने की कोशिश की है।
Congress Manifesto 2024
Congress Manifesto 2024 Raj Express

हाइलाइट्स

  • लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने की LGBT समुदाय को साधने की कोशिश।

  • कांग्रेस ने LGBTQIA कम्युनिटी को हक़ दिलाने की बात कही है।

Congress Manifesto 2024 : दिल्ली। पहले समलैंगिक लोगों (LGBTQIA Community) को चुनावी वोट बैंक नहीं माना जाता था और यहां तक कि समलैंगिकता का उल्लेख भी एक राजनीतिक गलती थी, लेकिन समय बदल रहा है। यह स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी किये गए घोषणा पत्र से। कांग्रेस पार्टी ने LGBTQIA कम्युनिटी (LGBTQIA Community) को अपने घोषणा पत्र में शामिल कर उनको उनका हक़ दिलाने की बात कही है। इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने LGBTOIA+ समुदाय (LGBTQIA Community) को साधने की कोशिश की है।

दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024) के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया है। जिसमें पार्टी ने LGBTQIA कम्युनिटी (LGBTQIA Community) को शामिल किया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि, किसी राजनीतिक पार्टी ने LGBTQIA कम्युनिटी (LGBTQIA Community) को अपने मैनिफेस्टो में रखकर घोषणा की हो। कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी समलैंगिक समुदाय के अधिकारों की बात की थी।

LGBTOIA+ समुदाय को मिलेगा हक :

कांग्रेस पार्टी द्वारा शुक्रवार को जारी किये गए घोषणा पत्र (Congress Manifesto) में LGBTOIA+ समुदाय के साथ वरिष्ठ नागरिक और विकलांग व्यक्तियों के लिए घोषणाएं की गई है। अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस पार्टी ने कहा कि, वह LGBTOIA+ समुदाय (LGBTQIA Community) के नागरिक भागीदारी (एक तरह से शादी) को कानूनी रूप से मान्यता देगी। कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र (Congress Manifesto) में दावा किया गया है कि पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक नागरिक की तरह, अल्पसंख्यकों को भी कपड़ा, भोजन, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की पसंद की स्वतंत्रता हो।

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह की घोषणाएं :

  • वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन में केंद्र सरकार का योगदान महज 200-500 रुपए प्रति माह है। कांग्रेस पेंशन की इस राशि को बढ़ाकर न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह करेगी।

  • कांग्रेस वरिष्ठ नागरिकों को आसानी से कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाएगी, विशेष रूप से उपेक्षा, दुर्व्यवहार, परित्याग, बेदखली और वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित मामलों में।

  • कांग्रेस 'माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007' की समीक्षा करेगी, साथ ही इसकी कमियों को दूर करते हुए और इसे प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

  • कांग्रेस वरिष्ठ नागरिकों के लिए सार्वजनिक परिवहन (रेल और सड़क) में यात्रा छूट दोबारा लागू करेगी।

  • कांग्रेस 'विकलांगता', 'क्षति' या 'यौन रुझान' के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 का विस्तार करेगी।

  • कांग्रेस ब्रेल लिपि और सांकेतिक भाषा को भाषा के रूप में मान्यता देगी।

  • कांग्रेस विशेष आवश्यकता वाले और दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष शिक्षा हेतु राष्ट्रीय

  • अनुसंधान और उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी। 8. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई अधिनियम के तर्ज पर कांग्रेस देश भर में स्थानीय सरकारी निकायों में दिव्यांग व्यक्तियों को अनिवार्य प्रतिनिधित्व देगी।

  • कांग्रेस दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 को सख्ती से लागू करेगी।

  • कांग्रेस पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से देश भर में दिव्यांग जनों के लिए सहायता एवं देखभाल केंद्र स्थापित करने के लिए एक योजना लागू करेगी।

  • कांग्रेस विस्तृत परामर्श के बाद ऐसा कानून लाएगी जो LGBTOIA+ समुदाय के नागरिक भागीदारी (सिविल यूनियन) को क़ानूनी रूप से मान्यता देगा।

सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी थी समलैंगिक विवाह को मान्यता

गौरतलब है कि, मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने 17 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिक जोड़ों के विवाह करने या सिविल यूनियन बनाने के अधिकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। 21 याचिकाओं पर 10 दिन सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि, वो कानून नहीं बना सकता, केवल उनकी व्याख्या कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि, विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव का काम संसद और विधानसभा का है।

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