राशन, प्रशासन और पोलराइजेशन की जीत
राशन, प्रशासन और पोलराइजेशन की जीतSyed Dabeer Hussain - RE

राशन, प्रशासन और पोलराइजेशन की जीत

देश में महंगाई, पेट्रोल की कीमत, बेरोजगारी सहित तमाम मुद्दे थे और हैं, परंतु भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी ही चतुराई से चुनाव में इनको मुद्दा नहीं बनने दिया।

राज एक्सप्रेस। "नमक खाया है तो नमक का हक भी अदा करेंगे" यह वह लाइन है या इसे हम यह कहें कि यह जो संवाद है यह पूरे उत्तर प्रदेश के चुनाव में गूंजता रहा और इस लाइन को स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चुनावी सभाओं में कहा और इस यह वाक्य उत्तर प्रदेश की महिलाओं की आवाज़ थी जिसको सभी महिलाओं ने बड़े ही पुरजोर तरीके से कहा और परिणाम आने के बाद यह देखने में भी आ रहा है कि इस बार महिलाओं ने इकट्ठा होकर भारतीय जनता पार्टी को वोट किया और नमक का हक अदा किया है।

इस बार का चुनाव बहुत सारे मायनों में अलग रहा। भाजपा की हिंदुत्व वाली राग तो चली ही साथ में भाजपा ने जो सबसे स्मार्ट खेला वह यह कि वह सभी विपक्षी पार्टियों को देश के वर्तमान मुद्दों से गुमराह कर जाति और अन्य भिन्न-भिन्न मामलों में उलझा ले गई और विपक्षी पार्टियां उसके इस प्लान का हिस्सा होती चली गईं।

देश में महंगाई, पेट्रोल की कीमत, बेरोजगारी सहित तमाम मुद्दे थे और है, परंतु भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी ही चतुराई से चुनाव में इनको मुद्दा नहीं बनने दिया।

यह चुनाव राशन का चुनाव इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने कोरोना काल में जो राशन गरीबों तक पहुंचाया वह अभूतपूर्व कार्य था, हर घर में राशन योगी के कुशल नेतृत्व के कारण पहुंचा और जो नमक की बात है वह यह है की राशन के पैकेट में इस बार नमक का पैकेट भी था। इस राशन ने कोरोना काल में गरीबों को नया जीवन दिया, इसलिए खास करके घर की महिलाओं ने इसे याद रखा और ऐसा पहली बार हुआ कि महिलाओं का वोट एक तरफा बीजेपी को गया।

दूसरी जो सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रहे वही शासन योगी आदित्यनाथ का कुशल प्रशासन और उनके द्वारा किए गए माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई से आम जनता बहुत ही संतुष्ट और खुश थी। आम जनता को योगी प्रशासन में गुंडागर्दी से राहत मिली और यह पहली बार है कि यूपी में पिछले 5 सालों में कोई दंगा भी नहीं हुआ। योगी प्रशासन में लॉ एंड ऑर्डर सबसे मजबूत रही और इन सबके कारण योगी ने अपना एक कद बनाया। योगी के शासन में आम जनता भयमुक्त रही और माफियाओं के ऊपर योगी का बुलडोजर चला, जिसे आम जनता को बहुत राहत मिली और बाबा का यह इमेज आम जनता को भा गई।

तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात इस चुनाव के परिणाम को प्रभावित करती है वह है पोलराइजेशन, इस चुनाव में बीजेपी ने बड़े ही चतुर तरीके से वोटों का पोलराइजेशन किया। अमित शाह के कुशल नेतृत्व में सभी जातियों को बीजेपी ने साधा और चुनाव पूर्व जो यह कहा जा रहा था कि ब्राह्मण नाराज है उनको भी बड़े ही सही तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने साधा। धर्म, राम मंदिर, योग्य शासक, कुशल नेतृत्व और मोदी नाम इन सभी के कारण इस बार वोटरों का पूरी तरीके से झुकाव भारतीय जनता पार्टी की तरफ किया। जहां सभी मुस्लिम जनता ने समाजवादी पार्टी को वोट किया वही अधिकांश हिंदू वोट भी इस बार भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त हुआ।

बहन मायावती ने यह आरोप लगाया कि जो मुस्लिम उनके वोटर जो और जिन्होंने सपा को वोट दिया उसका कारण मीडिया है, क्योंकि मीडिया ने या प्रचार किया कि समाजवादी पार्टी ही सिर्फ मुकाबले में है और बहुजन समाजवादी पार्टी , भारतीय जनता पार्टी की बी टीम है , इसका भी नुकसान मायावती को हुआ और वह सिर्फ एक सीट पर सिमट गई और उनका वोट प्रतिशत भी लगभग 7 परसेंट घट गया। वोट प्रतिशत की बात करें तो 2017 में जहां भारतीय जनता पार्टी को लगभग 39 प्रतिशत वोट मिले थे और उन्हें 312 सीटें मिली थी वहीं इस बार भारतीय जनता पार्टी के 2% वोट बढ़ी है परंतु उन्होंने सिर्फ 255 सीटें जीती हैं , जो कि पिछले बार से 57 सीटें कम है , कहना यह है कि बीजेपी के 2% वोट बढ़े हैं पर सीटों का संख्या कम हुई। वहीं समाजवादी पार्टी का वोट शेयर 10% बढ़ा और वह 64 सीटों के फायदे के साथ 111 सीटों के आंकड़े तक पहुंच गई।

यहां यह कहना कोई गलत नहीं होगा की योगी ने एक बेहतर शासन मॉडल को जन्म दिया है और उन्होंने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए निरंतर कार्य किया है, जिसका परिणाम यह हुआ की उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार एक ही पार्टी की दूसरी बार सरकार बनी हो और एक ही मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बना हो और जो सबसे बड़ी मिथक था कि जो मुख्यमंत्री नोएडा जाता था हार जाता था वह भी योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा और नोएडा जाने के बावजूद भी उन्होंने जीत दर्ज की। अब आगे योगी का रास्ता उतना ही कठिन होगा जितनी आसान उन्हें जीत मिली है, क्योंकि अब इस चुनाव के बाद लोगों की अपेक्षाएं उनसे और अत्याधिक हो गई हैं और उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना बीजेपी और योगी आदित्यनाथ के लिए एक चुनौती होगी ये चुनाव तो भाजापा ने राशन , प्रशासन और पोलराइजेश से जीत गई परंतु आगे बहुत से बेरोजगार युवाओं की फौज उनका इंतजार कर रही है और हमें देखना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने वायदों पर कितना खरा उतरती है या नहीं उतरती।

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