धोनी को 2007 में एकाएक कप्तानी थमाई गई तो उसने तुरंत चमत्कार कर दिखाया

भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर चौंकाते हुए अपने संन्यास की घोषणा कर दी।
Mahendra Singh Dhoni
Mahendra Singh DhoniSocial Media

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। उनके रिटायरमेंट की लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं। आज उन्होंने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। धोनी ने टेस्ट की कप्तानी भी पूरी दुनिया को चौंकाते हुए अचानक से छोड़ दी थी और एक बार फिर से उन्होंने अपने चाहने वालों को चौंकाते हुए एक बड़ा फैसला लिया। धोनी हमेशा आत्मविश्वास से लबरेज होकर क्रिकेट मैदान में उतरते थे जो उनके पूरे करियर में उनकी पहचान बनी रही। धोनी ने अपने इंस्टाग्राम संदेश के माध्यम से इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी और सबका शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि 15 अगस्त शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर समझें। कप्तान के तौर पर तो धोनी हिट थे ही एक खिलाड़ी यानी बल्लेबाज व विकेटकीपर के तौर पर भी उन्होंने पहचान बनाई। धोनी ने एक भावुक पोस्ट कर अलविदा कहा है। उन्होंने लिखा-अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद।

भारत के लिए आखिरी मैच 2019 वल्र्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था जो सेमीफाइनल मुकाबला था। इस मैच में भारत को हार मिली थी और इसके बाद से ही उनके क्रिकेट करियर को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। अब माही ने अचानक से क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। हालांकि अभी धोनी आईपीएल खेलेंगे। अब इंटरनेशनल क्रिकेट में माही का अंदाज तो हमें देखने को नहीं मिलेगा। धोनी का नाम आते ही उनका कूल अंदाज नजर के सामने आता है जो किसी भी परिस्थिति में अपना आपा नहीं खोता था। चैंपियन क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की कामयाबी मैदान पर अनायास नहीं है। अपनी कप्तानी में भारत की झोली में वल्र्ड टी20, 50 ओवर वल्र्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे खिताब भरने वाले धोनी को क्रिकेट पंडितों ने कैप्टन कूल का नाम दिया। इसके लिए उनकी सोच-समझकर रणनीति बनाने और इंटरनेशनल क्रिकेट में जबर्दस्त प्रेशर के बीच भी विचलित ना होने का उनका अप्रोच जिम्मेदार था।

यही कारण था युवा बल्लेबाज को जब 2007 में एकाएक कप्तानी थमाई गई तो उसने तुरंत चमत्कार कर दिखाया। यही नहीं, बल्लेबाजी में भी यही जज्बा था जो कि उन्हें सबसे शानदार फिनिशर का दर्जा दिला गया। देखा जाए तो धोनी का इंटरनेशनल वनडे करियर रन आउट से शुरू हुआ और रन आउट पर जाकर खत्म हुआ। धोनी अपने पहले इंटरनेशनल मैच में शून्य पर रन आउट हो गए थे। उन्होंने इंटरनेशनल पारी की शुरुआत बांग्लादेश के खिलाफ की थी। महेंद्र सिंह धोनी ने वल्र्ड टी20 2007 कप में भारत को चैंपियन बनाया। धोनी की जितनी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने इंडियन क्रिकेट को जो कुछ दिया है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। आने वाले लंबे समय तक क्रिकेट कैप्टन की तुलना धोनी से होती रहेगी।

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