इगोर स्टिमाच ने एशियाई खेलों में जाने के लिए मोदी से की अपील
इगोर स्टिमाच ने एशियाई खेलों में जाने के लिए मोदी से की अपीलSocial Media

इगोर स्टिमाच ने एशियाई खेलों में जाने के लिए मोदी से की अपील

भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमाच ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टीम को एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति देने की अपील की।

हाइलाइट्स :

  • कोच इगोर स्टिमाच की विनम्र अपील अनुराग ठाकुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की भारतीय फुटबॉल टीम एशियाई खेलों में भाग ले सके।

  • इगोर स्टिमाच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस की यात्रा में फुटबॉल और एमबाप्पे के भाषण का जिक्र किया।

  • सुनील छेत्री की टीम ने पिछले पांच महीने में तीन ट्रॉफियां जीती है।

  • खेल मंत्रालय के फैसले का पुनर्विचार, की एशिया खेलो में भाग लेने के लिए, एशियाई देशों के बीच आठवीं रैंकिंग हासिल की हो।

नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमाच ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टीम को एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति देने की अपील करते हुए सोमवार को कहा कि वह टूर्नामेंट में ‘ देश के गौरव और ध्वज’ के लिए लड़ेंगे। खेल मंत्रालय ने पिछले सप्ताह भारतीय फुटबॉल टीम को एशियाई खेलों में भाग लेने से मना कर दिया था। खेल मंत्रालय के मानदंडों के अनुसार, भारतीय टीम एशियाई खेलों में तभी हिस्सा ले सकती है जब वह महाद्वीप की शीर्ष-आठ टीमों में हो। स्टिमाच ने ट्वीट किया, “ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से एक विनम्र अपील और गंभीर अनुरोध, कृपया हमारी फुटबॉल टीम को एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दें। हम अपने देश के गौरव और ध्वज के लिये लड़ेंगे! जय हिन्द!”

स्टिमाच ने इस ट्वीट के साथ संलग्न संदेश में श्री मोदी को संबोधित करते हुए लिखा, “ आपने हमेशा एक दिन फीफा विश्व कप में खेलने के भारत के सपने का समर्थन किया है और मुझे यकीन है कि अगर हमें इस तरह आपका निरंतर समर्थन मिलता रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब हम वैश्विक मंच पर सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग लेंगे।” उन्होंने कहा,“राष्ट्रीय टीम के रूप में हमने पिछले चार वर्षों में बहुत कड़ी मेहनत की है और कुछ बेहतरीन नतीजे हासिल किये हैं, जिससे साबित होता है कि अगर हमें सभी हितधारकों का समर्थन मिले तो हम और अधिक हासिल कर सकते हैं। हाल ही में फ्रांस की यात्रा में फुटबॉल और एमबाप्पे के बारे में आपके भाषण ने भारतीय फुटबॉल का सपना देखने वाले और उसमें शामिल होने वाले सभी भारतीयों को प्रभावित किया।”

स्टिमाच ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने बीते वर्षों में खेल के अलग-अलग स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है और रैंकिंग के आधार पर उन्हें एशियाई खेलों में भाग न लेने देना अन्याय है। स्टिमाच ने कहा, “ इस खूबसूरत खेल के लिये अरबों भारतीयों की आशाएं और प्रार्थनाएं हैं और हमें ऐसी भागीदारी की आवश्यकता है। हमारा अपना मंत्रालय रैंकिंग के संदर्भ में भागीदारी से इनकार कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि हमारी फुटबॉल टीम उन कुछ अन्य टीमों की तुलना में बेहतर रैंक पर है, जिन्हें एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दी गयी है। साथ ही इतिहास और आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि फ़ुटबॉल एक ऐसा खेल है जहां निचली रैंक वाली टीम के पास शीर्ष रैंक वाली टीमों को हराने का मौका होता है।”

उल्लेखनीय है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को भेजे गये पत्र में खेल मंत्रालय ने कहा था, “ एशियाई खेलों की टीम स्पर्धाओं के लिये केवल उन्हीं खेलों को शामिल किया जाएगा जिनमें भारत ने पिछले एक साल में एशिया के भाग लेने वाले देशों के बीच आठवीं रैंकिंग हासिल की है।” अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने कहा था कि वह खेल मंत्रालय से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करेगा।

एआईएफएफ महासचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा था,“ यह सरकार द्वारा लिया गया निर्णय है इसलिए, हमें इसका पालन करना होगा। जहां तक ​​फुटबॉल का सवाल है, हम सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करेंगे। इस साल भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद उत्साहजनक रहा है। अगर उन्हें एशियाई खेलों में खेलने का मौका मिलता है तो यह फुटबॉल के लिए बहुत बड़ा बढ़ावा होगा, खासकर अंडर-23 खिलाड़ियों के लिये।”

उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम इसी आधार पर 2018 एशियाई खेलों में भी हिस्सा नहीं ले सकी थी। खेल मंत्रालय के पत्र के अनुसार, फुटबॉल टीम को ‘उचित कारण’ के आधार पर एशियाई खेलों में हिस्सा लेने का मौका मिल सकता है। भारतीय फुटबॉल टीम का हालिया प्रदर्शन शानदार रहा है। सुनील छेत्री की टीम पिछले पांच महीनों में ट्राई-नेशन सीरीज़, इंटरकॉन्टिनेंटल कप और सैफ चैंपियनशिप सहित तीन ट्रॉफियां जीत चुकी है।

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