टोक्यो ओलम्पिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार: भवानी देवी

ओलंपिक खेलों के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज बनकर इतिहास रचने वाली भवानी देवी ने कहा है कि वह टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए उत्सुक हैं।
टोक्यो ओलम्पिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार: भवानी देवी
टोक्यो ओलम्पिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार: भवानी देवीSocial Media

राज एक्सप्रेस। ओलंपिक खेलों के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज बनकर इतिहास रचने वाली भवानी देवी ने कहा है कि वह टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, 'यह पहली बार होगा जब हमारे देश के ज्यादातर लोग तलवारबाजी देखेंगे और मुझे खेलते हुए देखेंगे, इसलिए मैं उनके सामने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दूंगी। 'इस वर्ष मार्च में बुडापेस्ट विश्व कप के बाद समायोजित आधिकारिक रैकिंग (एओआर) पद्धति के माध्यम से कोटा हासिल करने के बाद, चेन्नई की 27 वर्षीय भवानी ने एक लंबी यात्रा के बाद एक बड़ी सफलता हासिल की है। उसने बांस के डंडे से प्रशिक्षण लेकर अपने करियर की शुरुआत की थी। ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली तलवारबाज बनने पर उत्साह का भाव भवानी ने नहीं खोया है।

मौजूदा कोविड-19 स्थिति को देखते हुए और टूर्नामेंट रद्द होने की संभावना के साथ, भवानी देवी को ओलंपिक खेलों के लिए रवाना होने से पहले इटली में प्रशिक्षण जारी रखने की उम्मीद है। अप्रैल में लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना में शामिल होने वाली, भवानी अब मई के महीने में तीन-सप्ताह के शिविर में भाग ले रही हैं, जहां वह इटली की राष्ट्रीय टीम के साथ प्रशिक्षण ले रही हैं।

भवानी देवी के दिवंगत पिता एक पुजारी थे और मां एक गृहिणी हैं। भवानी हर कदम पर अपने माता-पिता से मिले समर्थन के लिए आभारी हैं। उन्होंने बुधवार को भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित मीडिया से बातचीत में कहा, 'केवल अपने माता-पिता की वजह से, मैं कठिनाइयों को दूर कर आगे बढऩे में सफल हुई हूँ।

उन्होंने कहा, ''मेरी मां ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। वह मुझसे हमेशा कहती हैं अगर आज अच्छा नहीं है, तो कल जरूर बेहतर होगा। यदि आप 100 प्रतिशत देते हैं, तो आप निश्चित रूप से उसके परिणाम प्राप्त करेंगे। भवानी देवी ने कहा, यहां तक कि कोविड -19 के उपचार के दौरान भी अस्पताल के बिस्तर से उन्होंने मुझे अपने सपने पर ध्यान केंद्रित करने और घर वापस लौट कर उनकी देखभाल करने की बजाय, बुडापेस्ट विश्व कप में खेलने के लिए कहा था।"

भवानी देवी ने कहा कि जब ओलंपिक के लिए योग्यता प्राप्त करना दूर का सपना लग रहा था, तब लोगों ने उससे तलवारबाजी जारी रखने से मना कर दिया था, लेकिन उसके माता-पिता ने उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, 'जब मेरी रैकिंग योग्यता के करीब नहीं थी, तो लोग पूछते थे कि वह इतना समय क्यों लगा रही है खेल में। वह एक महिला है, वह शिक्षा प्राप्त कर सकती है और कुछ नौकरी पाने की सोच सकती है। मुझे बाहर से प्रोत्साहन नहीं मिला, लेकिन मेरी मां और पिता ने मुझे चिंता न करने के लिए कहा।

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने 2019-20 में 16.94 करोड़ रुपये के बजट के साथ वार्षिक कैलेंडर ऑफ़ ट्रेनिंग एंड कॉम्पिटिशन (एसीटीसी) के माध्यम से भारतीय तलवारबाजी संघ का समर्थन किया है। लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना-टॉप्स में शामिल होने से पहले, भवानी देवी को एसीटीसी के तहत 20 लाख रुपये का विशेष अनुदान मिला। अब, ओलंपिक तक उसके कोचिंग शुल्क और विशेष उपकरणों की खरीद के लिए, मिशन ओलंपिक सेल द्वारा 19.28 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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