कोच और सिलेक्टर को लेकर युवराज का यह बयान सोचने पर मजबूर करता है

भारतीय टीम के ताबड़तोड़ पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह द्वारा भारतीय सिलेक्टर और कोच पर सवाल उठाने वाला यह बयान सोचने पर मजबूर करता है।
कोच और सिलेक्टर को लेकर युवराज का यह बयान सोचने पर मजबूर करता है
कोच और सिलेक्टर को लेकर युवराज का यह बयान सोचने पर मजबूर करता हैSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। भारतीय टीम के ताबड़तोड़ पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) द्वारा भारतीय सिलेक्टर और कोच पर सवाल उठाने वाला यह बयान सोचने पर मजबूर करता है।

भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह द्वारा टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ पर सवाल उठाए गए हैं, उन्होंने उनकी कोचिंग पर सवाल उठाते हुए बयान दिया गया है। भारतीय टीम में पिछले वर्ष संजय बांगड़ की जगह विक्रम राठौड़ को बल्लेबाजी कोच बनाया गया था। युवराज सिंह द्वारा यह सारी बातें इंस्टाग्राम पर लाइव बातचीत के दौरान कही गई हैं।

युवराज ने उठाया बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ पर सवाल

युवराज सिंह द्वारा विक्रम राठौड़ के लिए कहा गया कि वह मेरे दोस्त हैं, क्या आपको लगता है कि वह टी20 खिलाड़ियों की मदद कर सकते हैं, उन्होंने उस स्तर पर क्रिकेट खेला ही नहीं है। यहां युवराज सिंह का मतलब यह था कि जब किसी खिलाड़ी ने टी-20 क्रिकेट खेला ही नहीं है, तो वह कैसे किसी T20 खिलाड़ी की मदद कर सकता है। युवराज ने आगे कहा कि अलग-अलग खिलाड़ियों के साथ अलग तरीके से पेश आना पड़ता है।

जानकारी के लिए बता दें कि विक्रम राठौड़ ने केवल 1996 से 1997 के बीच 6 टेस्ट मैच और 7 वनडे मैच खेले हैं।

युवराज सिंह ने रखी अपनी राय

युवराज सिंह ने अपनी राय देते हुए कहा कि अगर मैं कोच होता तो जसप्रीत बुमराह को रात 9:00 बजे शुभरात्रि बोल देता और हार्दिक पांड्या को रात 10:00 बजे ड्रिंक्स के लिए बुला लेता। अलग-अलग लोगों से भिन्न तरीके से पेश आना पड़ता है।

उन्होंने कोच रवि शास्त्री पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा खिलाड़ियों के पास सलाह देने वाला कोई नहीं है। शास्त्री के काम को लेकर उन्होंने कहा कि पता नहीं रवि यह कर रहे हैं या नहीं, लेकिन शायद उनके पास दूसरे काम भी हैं।

भारतीय सिलेक्टरों पर भी उठाए सवाल

भारत के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह ने अध्यक्ष सुनील जोशी की चयन समिति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वह सब भारत के लिए ज्यादा क्रिकेट नहीं खेले हैं, तो उनकी मानसिकता फैसलों को चुनौती देने वाली नहीं है। मेरे हिसाब से चयनकर्ताओं को हमेशा फैसलों को चुनौती देने वाला होना चाहिए, लेकिन आपके चयनकर्ताओं ने सिर्फ चार- पांच वनडे मैच खेले हो तो उनकी मानसिकता उसी तरह की होगी। युवराज बोले कि यह सब सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में नहीं होता था।

बता दें कि युवराज सिंह ने इसके साथ ही कहा की टीम में एक अच्छे मनोवैज्ञानिक किस्म के व्यक्ति की जरूरत है, जो सब से बात कर सके और प्रतिभा को बाहर ला सके, ताकि खिलाड़ी बड़े बनकर उभरे।

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