Effect of Global Warming : क्या सच में आने वाले सालों में हम नहीं घूम पाएंगे मालदीव? क्या है कारण?

मालदीव को लेकर एक बुरी खबर सामने आई है कि, आने वाले समय में हम मालदीव नहीं घूम पाएंगे। क्योंकि, वहां का नामों निशान मिटने वाला है। अगर ऐसा सच में होता है तो जानें, इसका क्या कारण है ?
क्या सच में आने वाले सालों में हम नहीं घूम पाएंगे मालदीव ?
क्या सच में आने वाले सालों में हम नहीं घूम पाएंगे मालदीव ?Social Media

मालदीव, दुनिया। दुनियाभर में जब भी खूबसूरत देशों या जगहों पर घूमने की बात आती है तो इन सब में एक सबसे अहम् नाम 'मालदीव' (Maldives) का भी शुमार होता है। मालदीव की सुंदरता का बखान वो लोग ही कर सकते हैं, जो वहां घूम कर आ चुके हैं या जिन्होंने वहां की खूबसूरती को अपनी आंखो से देखा हो, लेकिन अब मालदीव को लेकर ऐसी खबर सामने आ रही है कि, आने वाले समय में हम मालदीव नहीं घूम पाएंगे। क्योंकि, वहां का नामों निशान मिटने वाला है और मालदीव के स्थान पर आपको सिर्फ पानी नजर आएगा। अगर ऐसा सच में होता है तो जानें, इसका क्या कारण है ? चलिए, इस पर बात करते हैं।

हम क्यों नहीं घूम पाएंगे मालदीव ?

अगर आप भी मालदीव घूमने का प्लान कर रहे हैं तो आपको बता दें कि, यही सही समय है आप अभी यहां की सुंदरता को निहार कर आ सकते हैं। क्योंकि, आने वाले सालों में शायद आप मालदीव न जा पाओ या मालदीव का नाम और वहां की खूबसूरती सिर्फ इंटरनेट की दुनिया में ही देख सको। ऐसा इसलिए क्योंकि, मालदीव को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि, साल 2050 तक मालदीव की आबोहवा बुरी तरह खराब हो जाएगी। इसका मतलब यह है कि, यह रिपोर्ट कहती है कि, मालदीव में पानी का लेवल धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है और आने वाले समय में यह पूरी तरह पानी में डूब जाएगा। इतना ही नहीं साल 2050 तक मालदीव लगभग 80% तक पानी में डूब चुका होगा। जिसके चलते लोगों का यहां आना-जाना परेशानी का सबब बन सकता है।

मालदीव को लेकर सामने आई रिपोर्ट :

दरअसल, एक्सपर्स्ट का कहना है कि, मालदीव में समुद्र के जलस्तर में हर साल लगभग 3 से 4 मिलीमीटर की दर से बढ़ता ही जा रहा है। यह सुनने में भले ही बहुत मामूली सी बात लग रही है, लेकिन यह इस हद तक खतरनाक है कि, आने वाले साल 2050 तक यहां के कई निचले द्वीप जलस्तर बढ़ने के कारण पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।

मालदीव को कैसे बचाया जा सकता ?

IPCC (Intergovernmental Panel on Climate Change) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यदि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कुछ कमी आती है तो शायद एक समय ऐसा आएगा जब समुद्र का जल स्तर आधा मीटर तक ही बढ़ सकेगा। वहीं, अगर लगातार हो रहे इस उत्सर्जन में कमी लाने के लिए कुछ नहीं किया गया तो, यह पानी का लेवल 1 मीटर तक बढ़ सकता है| इसका सीधा मतलब यह है कि, मालदीव के ज्यादातर कोरल द्वीप समुद्र में पूरी तरह डूब जाएंगे।

क्या क्या दिक्कत आएंगी ?

अब यह सब जानने के बाद प्रश्न यह उठता है कि, वहां क्या दिक्कत आ सकती हैं ? तो, बता दें वहां पानी का लेवल बढ़ने से समुद्र से लगातार बाढ़ आने का खतरा और बेमौसम भारी बारिश का खतरा बना रहेगा। चूँकि, समुद्र का पानी खारा होता है तो, पीने के पानी की समस्या एक बहुत बड़ी परेशानी का रूप ले लेगी। इनसब के अलावा भी लोगों का जीवनयापन पानी में करना बहुत मुश्किल होगा।

सरकार का विचार :

वैसे तो अब तक इसका कोई स्थाई इलाज नहीं मिल सका है, लेकिन मालदीव की सरकार फिलहाल अन्य देशों में ऊंचे स्थानों पर जमीन लेने पर विचार कर रही है। साथ ही द्वीपों को डूबने से बचाने के लिए अलग-अलग योजनाएं भी बना रही हैं। मालदीव की राजधानी माले के उत्तर पूर्व में बनाया गया नया कृत्रिम द्वीप इस योजना का एक बेस्ट उदाहरण है। खबर तो यह भी है कि, यहां के लोग पानी में जीवन यापन कैसे संभव हो सकता है। इसपर भी ध्यान देने लगे हैं। यहां तक की मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने हाल ही में समुद्र के बढ़ते स्तर के खतरे को लेकर जागरूक करने के लिए पांच मीटर अंडरवाटर कैबिनेट बैठक भी की थी। इस बैठक में सभी ने स्कूबा सूट पहना था और संवाद के लिए हाथ के संकेतों और स्लेट का इस्तेमाल किया।

मालदीव को लेकर अच्छी खबर :

मालदीव में पानी की इस बड़ी समस्या के बीच भी एक अच्छी खबर यह सामने आई है कि, यहां के कोरल द्वीपों में प्राकृतिक के माध्यम से होने वाली कई प्रक्रियाएं द्वीपों में बढ़ रहे पानी के इस स्तर को रोक सकती हैं| लगातार किए जा रहे शोधों और लैंडसेट उपग्रह से यह जानकारी भी सामने आई है कि, मालदीव में अधिकांश कोरल पर बने द्वीप समूह में काफी समय से पानी स्थिर हैं और इनका आकर भी पिछले कुछ दशकों से बड़ा हो रहा हैं। हालांकि, वैज्ञानिक अब तक यह जानकारी नहीं जुटा पाए हैं कि, इनका आकार कैसे बड़ा हो रहा है।

मालदीव से जुडी कुछ बातें :

  • दक्षिण एशियाई देश मालदीव अपने अतिसुन्दर द्वीपों के लिए जाने जाना जाता है।

  • यह एक बहुत ही सुंदर पर्यटक स्थल होने के साथ ही सबसे बड़ा द्वीप भी है। यहां कुल 1,190 दीप हैं। जो 80% से भी ज्यादा समुद्र तल के 1 मीटर से भी कम ऊपर हैं।

  • दुनिया का मालदीव इकलौता ऐसा देश हैं, जहां की जमीन इतनी नीचे है। यह एक बड़ा कारण है कि, यहां पर समुद्र के बढ़ते जल स्तर का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है।

  • वर्तमान समय में मालदीव की जनसंख्या लगभग 5 लाख है।

  • मालदीव के हुलहुमाले द्वीप की आबादी 50,000 से ज्यादा है और यहां 200,000 से ज्यादा लोगों के बसने की सम्भावना भी है। यह द्वीप पानी के अंदर कोरल के प्लेटफ़ॉर्म पर बना है।

  • मालदीव को हिंद महासागर की शान के तौर पर भी जाता है।

पानी के बढ़ने का मुख्य कारण :

जलवायु परविर्तन के चलते तेजी से बढ़ रही गर्मी के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघलते हैं और समुद्र का जलस्तर बढ़ जाता है। बता दें, वर्तमान समय में ऐसा हो रहा है। लगातार गर्मी बढ़ने से ग्लेशियर पिघल रहे हैं। जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। यह एक बड़ी वजह है कि, दुनिया के खूबसूरत द्वीप और समुद्र किनारे बसे शहर पानी में डूब सकते हैं। यही खतरा मालदीप पर भी मंडरा रहा है।

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