अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवसSyed Dabeer Hussain - RE

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस : जानिए मानवाधिकार क्या है? और यह कितने प्रकार के होते हैं?

मानवाधिकार वह अधिकार होते हैं, जो मनुष्य योनि में जन्म लेने वाले सभी लोगों को बिना नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के भेदभाव के बिना दिए जाते हैं।

राज एक्सप्रेस। इस दुनिया में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति के कुछ अधिकार होते हैं, जो उसे जन्म लेते ही प्राप्त हो जाते हैं। यह अधिकार किसी भी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए मिलते हैं क्योंकि उसने मनुष्य योनि में जन्म लिया है और उसे गरिमामय जीवन जीने का पूरा अधिकार है। यह अधिकार हर व्यक्ति को प्राप्त होते हैं और इन्हें उनसे कोई नहीं छीन सकता है। इन्हीं अधिकारों को मानवाधिकार भी कहते हैं। मानवाधिकार असल में मूलभूत अधिकार होते हैं और इनकी रक्षा करने व लोगों में इनके प्रति जागरूकता लाने के लिए हर साल 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का इतिहास :

दरअसल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लोगों पर हुए अत्याचारों ने मानवाधिकारों को और भी ज्यादा प्रासंगिक बना दिया था। ऐसे में 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार मानवाधिकारों को अपनाने की घोषणा की थी। वहीं 10 दिसंबर 1950 को संयुक्त राष्ट्र ने अपने सदस्य देशों को यह सूचना दी थी कि वह हर साल 10 दिसंबर का दिन मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाए।

मानवाधिकार क्या है?

मानवाधिकार वह अधिकार होते हैं, जो मनुष्य योनि में जन्म लेने वाले सभी लोगों को बिना नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के भेदभाव के बिना दिए जाते हैं। इन अधिकारों की मांग प्रत्येक मनुष्य कर सकता है, चाहें जिस देश में वह रहता है, उस देश के संविधान में प्रावधान किया गया हो या नहीं। मानवाधिकारों को लेकर साल 1948 में संयुक्त राष्ट्र ने एक घोषणा-पत्र जारी किया था।

मानवाधिकार कितने प्रकार के होते है?

दरअसल मानवाधिकार के प्रकारों की कोई निश्चित संख्या नही है। मानवाधिकार की सूचि में समय के साथ बदलाव होता रहता है। मानवाधिकारों को सामान्य तौर पर प्राकृतिक अधिकार, नैतिक अधिकार, कानूनी अधिकार, नागरिक अधिकार, मौलिक अधिकार और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकार की श्रेणियों में बांटा गया है।

कुछ जरूरी मानवाधिकार :

बोलने की आजादी, सुरक्षा का अधिकार, आर्थिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार, रंग, नस्ल, भाषा, धर्म के आधार पर समानता का अधिकार, कानून के सामने समानता का अधिकार, अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार।

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