काबुल गुरुद्वारा हमले का मास्टरमाइंड असलम फारूकी अरेस्ट

फारूकी पर काबुल गुरुद्वारा में 25 मार्च के हमले की योजना बनाने का आरोप है। इस अहम गिरफ्तारी से ISKP के पाकिस्तान से कनेक्शन की भी कलई खुल गई है।
अफगान सुरक्षाबल ने स्पेशल मिशन में आईएसकेपी के आतंकी मावलवी अब्दुल्ला उर्फ असलम फारूकी को गिरफ्तार कर लिया।
अफगान सुरक्षाबल ने स्पेशल मिशन में आईएसकेपी के आतंकी मावलवी अब्दुल्ला उर्फ असलम फारूकी को गिरफ्तार कर लिया। Social Media

हाइलाइट्स :

  • आतंकियों ने की थी अंधाधुंध फायरिंग

  • काबुल के गुरुद्वारे में हमले से गई थीं 25 जान

  • 25 मार्च के हमले की योजना का मास्टरमाइंड है फारूकी

राज एक्सप्रेस। अफगान सुरक्षाबल ने एक स्पेशल मिशन में इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के एक आतंकवादी मावलवी अब्दुल्ला उर्फ असलम फारूकी को गिरफ्तार कर लिया। फारूकी पर काबुल गुरुद्वारा में 25 मार्च के हमले की योजना बनाने का आरोप है। इस अहम गिरफ्तारी से ISKP के पाकिस्तान से कनेक्शन की भी कलई खुल गई है।

इतने संगठनों से जुड़ा :

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले लश्कर-ए-तैयबा (LeT) फिर तहरीक-ए-तालिबान आतंकी समूह से जुड़ने वाला पाकिस्तानी नागरिक मावलवी अब्दुल्ला अप्रैल 2019 में मावलवी जिया-उल-हक उर्फ अबू उमर खोरासानी की जगह आईएसकेपी लीडर बना।

25 लोगों की गई थी जान :

आपको ज्ञात हो अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे में 25 मार्च को घातक हथियारों से लैस एक हमलावर ने घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस गोलीबारी से 25 श्रृद्धालुओं की मौत होने के साथ ही आठ लोग घायल हुए थे। बचाव अभियान में अफगान विशेष बल ने हमलावर को मौत के घाट उतार दिया था। बाद में इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इस कायराना हमले की जिम्मेदारी ली थी।

अल्पसंख्यक सिख :

काबुल में सिख धर्मावलंबी अल्पसंख्या में है। गुरुद्वारे में हमले के दौरान स्पेशल फोर्स को गुरुद्वारे के भीतर से 80 लोगों को सुरक्षित निकालने में कामयाबी हासिल हुई थी। अफगान मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुद्वारे में चार हमलावरों ने छह घंटे तक आतंक बरपाया था। आईएसआईएस आतंकवादी ग्रुप ने बाद में एक बयान के जरिए ग्रुप के सदस्यों द्वारा काबुल के गुरुद्वारे में सिखों पर हमला करने की जिम्मेदारी ली थी।

अफगानिस्तान के मुख्य टेररिस्ट ग्रुप तालिबान ने गुरुद्वारे पर हमले से अपना पल्ला झाड़ लिया था। आपको याद हो अभी हाल ही में पिछले माह की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट के एक संगठन ने काबुल में ही अल्पसंख्यक वर्ग के शिया मुसलमानों के धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हमला बोला था। इस हमले में 32 लोगों की जान चली गई। रूढ़ीवादी मुस्लिम बहुल अफगानिस्तान में सिख धर्मावलंबियों से भेदभाव आम बात है।

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