चीन में जूनोटि‍क 'लांग्‍या वायरस' ने दी दस्‍तक
चीन में जूनोटि‍क 'लांग्‍या वायरस' ने दी दस्‍तकSocial Media

चीन में जूनोटि‍क 'लांग्‍या वायरस' ने दी दस्‍तक, अब तक इतने लोग हुए संक्रमित

चीन से निकले कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई। इसी बीच अब चीन में एक नए वायरस का प्रकोप शुरू हो गया है, जिसका नाम 'जूनोटिक लांग्‍या वायरस' (Zoonotic Langya Virus) है।

Langya Virus China: चीन से निकले कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई। इस वायरस के चपेट में आने से भारी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवा दी। दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) और मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) का खौफ अभी भीबरकरार है। इसी बीच अब चीन में एक नए वायरस का प्रकोप शुरू हो गया है। डॉक्टरों ने एक नए वायरस को लेकर चेतावनी दी है।

चीन में जूनोटि‍क लांग्‍या वायरस ने दी दस्‍तक:

कोरोना वायरस महामारी के बाद चीन में अब एक और वायरस ने दस्तक दी है, जिसका नाम 'जूनोटिक लांग्‍या वायरस' (Zoonotic Langya Virus) है। इस वायरस से अब तक 35 लोग संक्रमित हो चुके हैं। ताइवान के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) ने कहा है कि, ताइपे ने वायरस की पहचान और इसके प्रसार पर नजर रखने के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग के नाम से एक तरीके का इजात किया है।

बता दें कि, लांग्‍या वायरस चीन के शेडोंग और हेनान प्रांतों में मिला है। ताइपे टाइम्स ने इस बारे में जानकारी दी है कि, जूनोटिक लांग्‍या वायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। ताइवान सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने कहा है कि, चीन में अभी तक करीब 35 लोग जूनोटिक लांग्‍या वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। ताइवान इस वायरस के संक्रमण की पहचान और निगरानी के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग मेथड शुरू करेगा।

लांग्‍या वायरस संक्रमण के लक्षण:

वहीं, अगर लांग्‍या वायरस संक्रमण के लक्षण की बात करे, तो लांग्या वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में बुखार, थकान, खांसी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना और उल्टी आने जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। अधिकतर मरीजों को बुखार आ रहा है, वहीं कुछ में इस वायरस के कारण व्हाइट ब्लड सेल में गिरावट और गुर्दे के काम पर असर भी देखा गया है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि, यह वायरस जूनोटिक है। यह वायरस पशुओं से इंसानों में आया है। यह वायरस सबसे ज्यादा छछूंदरों में पाया जाता है। हालांकि, कुछ जगहों पर कुत्तों और बकरियों में भी इसके संक्रमण की पुष्टि हुई है।

साल 2019 में मिला था पहला वायरस:

जानकारी के लिए बता दें कि, पहले के प्रकाशित एक शोध से पता चलता है कि, ये वायरस सबसे पहले इंसानों में 2019 में मिला था। वहीं, ये इस साल का सबसे हालिया मामला है। वायरस की जांच कर रहे, चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि, इंसानों में इसके मामले छिटपुट होते हैं। वह अभी ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि, क्या ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

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