विश्व सम्मोहन दिवस : क्या है सम्मोहन? कितना पुराना है सम्मोहन का इतिहास?
राज एक्सप्रेस। सम्मोहन यानि Hypnotism के बारे में हर किसी को जानकारी होती है। यह एक ऐसी क्रिया है, जिसमें व्यक्ति खुद के मन और शरीर पर से पूरी तरह नियंत्रण खोकर सम्मोहित करने वाले व्यक्ति के नियंत्रण में चला जाता है। हालांकि सम्मोहन करना बिलकुल भी आसान नहीं है। इस क्रिया को सीखने के लिए कठोर तपस्या की आवश्यकता होती है। पौराणिक समय की बात करें तो सम्मोहन कला सीखने के लिए साधू वर्षों की तपस्या करते थे। आज के दिन यानि 4 जनवरी को दुनिया भर में विश्व सम्मोहन दिवस या World Hypnotism Day के तौर पर मनाया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं सम्मोहन से जुड़ी खास बातें।
क्या है सम्मोहन का इतिहास?
भारत की बात करें तो पौराणिक काल से सम्मोहन का इस्तेमाल होता आया है। इस क्रिया का उपयोग साधु-संत किसी को वश में करने के लिए और सिद्धियों अथवा एवं मोक्ष की प्राप्ति के लिए करते थे। इसका प्रचलन वैसे तो 18वीं सदी से माना जाता है। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार सम्मोहन यानि हिप्नोटिज्म शब्द का आविष्कार डॉक्टर जेम्स ब्रेड के द्वारा 19वीं सदी के दौरान किया गया था। वर्तमान समय में विख्यात होने से इसका काफी प्रचलन बढ़ गया है।
क्या है सम्मोहन?
सम्मोहन के विषय में यह कहा जाता है कि जब आप किसी क्रिया के अंतर्गत किसी व्यक्ति विशेष के नियंत्रण में होते हैं, तब इस क्रिया को सम्मोहन कहा जाता है। इस स्थिति में आप किसी सपने की अवस्था में पहुँच जाते हैं। इस दौरान आपका दिमाग बोलना, पढ़ना, आदि काम कर सकता है। लेकिन व्यक्ति को इस बात का अहसास नहीं रहता कि वह क्या कर रहा है।
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