विश्व वन्यजीव दिवस
विश्व वन्यजीव दिवस Syed Dabeer Hussain - RE

विश्व वन्यजीव दिवस : लगातार खत्म होते जा रहे हैं वन्यजीव, जानिए पांच बड़े कारण

20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मार्च का दिन विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसका मकसद लोगों को जंगली जानवरों के महत्व को समझाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

राज एक्सप्रेस। वन्यजीव हमारे पर्यावरण का अहम हिस्सा है और उनके खत्म होने से मनुष्य जीवन पर भी संकट आ सकता है। ऐसे में लगातार कम हो रहे वन्यजीवों के संरक्षण के लिए हर साल 3 मार्च को पूरी दुनिया में World wildlife day यानि विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को जंगली जानवरों के महत्व को समझाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। 20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मार्च का दिन विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। तो चलिए विश्व वन्यजीव दिवस पर जानते हैं वे 10 बड़े कारण, जिनके चलते वन्यजीवों के अस्तित्व पर संकट आ खड़ा हुआ है।

वन्यजीवों का शिकार :

वैसे तो दुनियाभर के देशों में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए शिकार पर रोक लगाई हुई है। हालांकि इसके बावजूद बड़े पैमाने पर इन वन्यजीवों का अवैध शिकार किया जाता है। वन्यजीवों के शिकार का मुख्य मकसद इनके अंगों की तस्करी करना होता है। ऐसे में लगातार शिकार के चलते वन्यजीवों की संख्या में कमी आ रही है।

बढ़ता शहरीकरण :

वर्तमान समय में मनुष्यों की आबादी तेजी से बढ़ रही है, इसके चलते शहरीकरण तेजी से बढ़ा है। सीमेंट के जंगल खड़े करने के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण जंगल के वन प्राणियों की संख्या भी तेजी से घटती जा रही है। इसका कारण यह है कि उनके रहने के लिए अब सुरक्षित जगह तेजी से घटती जा रही है।

जैव विविधता :

जीवन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए जैव विविधता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन विकास की दौड़ में अंधे हो चुका मनुष्य लगातार प्रकृति का दोहन कर रहा है। प्राकृतिक आवासों की क्षति, पेड़ों की कटाई, प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन सहित अन्य चीजों से जैव विविधता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। इसके चलते जीवों और वनस्पतियों की कई प्रजातियां या तो विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी हैं।

मानव vs वन्यजीव :

जिस तरह से वनों की कटाई करके शहर बसाए जा रहे हैं, उससे मनुष्यों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की स्थिति निर्मित हो रही है। जंगल के नजदीक ही शहर होने से अक्सर जानवर वहां पहुंच जाते हैं। जल के लगातार दोहन के चलते जंगल में जानवरों को पानी नहीं मिल पाता। इसके चलते भी जानवर आबादी की ओर रुख करते हैं। भूख-प्यास से पीड़ित यह जानवर आक्रमक हो रहे हैं और इंसानी बस्ती में आने के बाद इन्हें मार दिया जाता है।

विद्युत बाड़ :

वर्तमान समय में लोग खेती करने के लिए जंगलो को काटकर खेत बना लेते हैं और फिर वहां लगी फसल को नुकसान से बचाने के लिए खेत के चारों तरफ विद्युत बाड़ लगा देते हैं। इसके कारण जब भी कोई जानवर उस विद्युत बाड़ के सम्पर्क में आता है, उसकी जान चली जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल सैकड़ों जानवर विद्युत बाड़ के चलते अपनी जान गवां देते हैं।

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