भाजपा का ये कैसा इरादा, मेडिकल कॉलेज बनेगा आधा
भाजपा का ये कैसा इरादा, मेडिकल कॉलेज बनेगा आधा Social Media
मध्य प्रदेश

भाजपा का ये कैसा इरादा, मेडिकल कॉलेज बनेगा आधा

राज एक्सप्रेस

छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश। सर्वविदित है कि वर्ष 2014 में एक कर्मठ केन्द्रीय मंत्री के रूप में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की स्वीकृति दिलाई थी। स्वीकृति मिलने के बाद से बौखलाकर प्रदेश की भाजपा सरकार और जिला भाजपा ने तभी से मेडिकल कॉलेज की राह में रोड़े अटकाना शुरू कर दिया था। कमलनाथ की मंशा एवं उनकी दूरदर्शिता से वे छिंदवाड़ा में ऐसा मेडिकल कॉलेज बनवाना चाहते थे, जिसमें न केवल छिंदवाड़ा, बल्कि सिवनी, बालाघाट, बैतूल, नरसिंहपुर सहित अन्य जिलों और तो और नागपुर तक के मरीज अपना इलाज करवाएं।

श्री नाथ ने इसे छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का नाम भी दिया, परन्तु जनविरोधी भाजपा सरकार को यह निर्णय रास नहीं आया और उन्होंने सत्ता बदलते ही सबसे पहले मेडिकल कॉलेज के स्वरूप को बिगाड़ा, अब जो मेडिकल कॉलेज बनेगा उसमें कई तरह के मरीज सघन उपचार से वंचित रहेंगे। आज एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कांग्रेस व भाजपा की सोच में अंतर उजागर करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे जिले की जनता को सच्चाई से अवगत कराया।

नहीं चाहते थे छिंदवाड़ा में मेडिकल बने : ओक्टे

जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री ओक्टे ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ द्वारा छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दिलाए जाने की सूचना मिलते ही अपना विरोध शुरू कर दिया था। वे नहीं चाहते थे कि छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज बने, इसीलिए उन्होंने यह बयान तक दिया कि, "एक कागज के टुकड़े से मेडिकल कॉलेज नहीं बनता" उनकी यह मंशा थी कि मेडिकल छिंदवाड़ा की जगह अन्य जिले में बने, परन्तु कमलनाथ की दृढ़ता और उनके नेतृत्व में कांग्रेस सहित जिले की सामाजिक संस्थाओं और छात्र-छात्राओं ने लगातार आंदोलन किए और अंतत: प्रदेश सरकार को छिंदवाड़ा में मेडिकल खोलने का निर्णय लेना पड़ा। यह दुर्भाग्यजनक है कि दोबारा मुख्यमंत्री बनते ही तेज गति से चल रहे निर्माण पर उन्होंने विराम लगवा दिया। परिणामस्वरूप स्पेशलिटी अस्पताल का जो भव्य स्वरूप था वह अब आधा होता दिखाई दे रहा है। जिसकी जिम्मेदार पूर्णत: भाजपा सरकार है।

अन्य स्वीकृत योजनाओं पर भी पलीता लगा दिया

श्री ओक्टे ने अंत में कहा कि विकास विरोधी प्रदेश की भाजपा सरकार और उनके स्थानीय नेतृत्व ने भी जिले के विकास को बाधित किया है। छिंदवाड़ा जिले की जनता से चुन चुनकर बदला लेने वाली भाजपा सरकार ने प्रदेश की सत्ता में काबिज होते ही सबसे पहले छिंदवाड़ा के लिए स्वीकृत योजनाओं को रद्द करना शुरू किया, जिनमें 4500 करोड़ रुपए की सिंचाई कॉम्प्लेक्स योजना, 250 करोड़ रुपए से निर्मित होने वाला एग्रीकल्चर कॉलेज, 225 करोड़ रुपए से पूर्ण होने वाला जेल कॉम्प्लेक्स, 450 करोड़ रुपए से निर्मित होने वाली छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी सहित राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल एकेडमी व साढ़े पांच किमी का फ्लाईओवर जो जिले को और अधिक भव्यता प्रदान करता।

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