समझें एलिमनी और इससे जुड़े नियम

Kavita Singh Rathore

एलिमनी का मतलब गुजारा भत्ता होता है, जो तलाक के बाद या पहले महिला को उसके गुजर-बसर के लिए पति से मिलता है। पति गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य होता है। महिला को कितनी एलिमनी मिलना है, यह पति और पत्नी दोनों के इंटरेस्ट को ध्यान में रखकर तय होता है।

क्या है एलिमनी ? | Raj Express

एलिमनी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। पहली जब पति-पत्नी के तलाक का मामला कोर्ट में हो, तब पति अपनी पत्नी को मेंटेनेंस अमाउंट देता है। दूसरी जब तलाक हो जाता है, तब एक साथ, मासिक या तिमाही आधार पर एक निश्चित रकम पति अपनी पत्नी को देता है।

एलिमनी के प्रकार | Raj Express

ज्यादातर मामलो में एलिमनी पत्नी को मिलती है, लेकिन कुछ मामलों में पत्नी को भी पति को एलिमनी देना पड़ता है। ऐसा तब होता है जब पति की कमाई कम हो या वह बेरोजगार हो। जबकि वहीं, पत्नी की कमाई अधिक हो।

किसे मिलती है ? | Raj Express

पत्नी को कितनी एलिमनी मिलना है यह कोर्ट पति की सैलेरी, पति की संपत्ति, बच्चों की पढ़ाई और पति के घरवालों के खर्च को ध्यान में रख कर तय करता है। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान देना पढता है कि, अगर कपल के बच्चे हैं तो वह किसके साथ रहने वाले हैं।

कैसे तय होती है? | Raj Express

यदि पति तलाक न दे तो भी पत्नी तलाक चाहती है तो भी याचिका दायर की जा सकती है। इसके अलावा एक तलाक के बाद महिला पति से उचित और निष्पक्ष प्रावधान और भरण-पोषण का भुगतान लेने की हकदार है।

पत्नी का अधिकार | Raj Express

अगर पत्नी जॉब में हो या शादी से पहले से ही जॉब करती थी तो, पति को पत्नी को एलिमनी नहीं देना पड़ेगी। हालांकि कोर्ट में इस पर केस जरूर हो सकता है। इसके अलावा यदि पति की इनकम पत्नी से कम हो या वो बेरोजगार हो तो भी उसे पत्नी को एलिमनी नहीं देना पड़ेगा।

पति का एलिमनी अधिकार | Raj Express

महिलाओं के बेसिक अधिकार

महिलाओं के बेसिक अधिकार | Aayush Kochale - RE