मैदा छोड़ने के हैं कई फायदे, जाने लें विकल्प भी

Kavita Singh Rathore

मैदा एक रिफाइंड आटा है, जिसमें पोषक तत्‍व नहीं पाए जाते, इसलिए यह आसानी से नहीं पचता है। जब यह पचता नहीं है तो पेट दर्द और ऐंठन जैसी शिकायत होने लगती है। अगर आप एक महीने मैदा नहीं कहते हैं तो आपकी पाचन क्रिया सुचारु रूप से काम करने लगेगी।

पाचन में होगा सुधार | Raj Express

मैदा शरीर में जाकर तेजी से ग्लूकोज में बदल जाता है, जिससे ब्‍लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। खासतौर से डायबिटीज के मरीज को अपने आहार से मैदा को स्किप कर देना चाहिए। ऐसा करने से एक महीने के अंदर आपका ब्‍लड शुगर लेवल स्थिर हो सकता है।

ब्‍लड शुगर स्थिर | Raj Express

मैदा में फैट और कैलोरी बहुत ज्‍यादा मात्रा में होती है। जिससे आपका वजन अनियंत्रित हो जाता है,अगर आप एक महीने तक मैदा नहीं खाते हैं तो आपका वेट मेंटेन रहेगा। हालांकि, खुदसे कम भले ना हो, लेकिन बढ़ेगा नहीं।

वेट मेंटेन | Raj Express

मैदा के सेवन से अक्‍सर शरीर में सूजन बनी रहने लगती है। जिससे शरीर में सुस्‍ती और कमजोरी भी आ जाती है। अगर आप एक महीने मैदे का सेवन नहीं करते हैं तो, यह सूजन धीरे धीरे चली जाएगी और आपको इस तकलीफ से छुटकारा मिल जाएगा।

सूजन से छुटकारा | Raj Express

मैदा भारी होने के कारण बॉडी में आलास पैदा करके एनर्जी लेवल कम कर देता है। यदि आप मैदा खाना छोड़ेंगे तो आप अपना एनर्जी लेवल बढ़ता महसूस करेंगे।

एनर्जी लेवल | Raj Express

मैदा शरीर में फ्री रेडिकल्स बढ़ाता है। जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी बढ़ जाता है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के बढ़ते ही कई तरह के क्रोनिक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। यदि आप मैदा का सेवन छोड़ देते हैं, तो आप क्रोनिक रोग से छुटकारा पा सकते हैं।

क्रोनिक रोग से छुटकारा | Raj Express

मैदा खाने के फायदे कम नुकसान ज्यादा हैं तो आप मैदे के विकल्प के तौर पर बाइंडिंग एजेंट जैसे चने का आटा, फ्लैक्स सीड मील या एप्‍पल सॉस का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, स्‍नैक्‍स बनाने में मैदा की जगह बादाम, जई, क्विनोआ, चना, बाजरा या चावल के आटे का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

मैदा का विकल्‍प | Raj Express

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