लड़कों को भी आना चाहिए ये घरेलू काम

Kavita Singh Rathore

लड़कियों की तरह लड़कों को भी बात करना सिखाएं। उन्हें भी ये पता होना चाहिए कि, अपने से बड़े और छोटो से किस तरह बात करना है। वह भी पहले सोचें समझें और फिर बोले।

बात करने का तरीका | Raj Express

बेटियों के साथ ही बेटों को भी बचपन से उठने-बैठने, चलने-फिरने का सलीका सिखाया जाना चाहिए। सही मायने में लड़कों को भी शिष्टाचार यानी एटिकेट्स सिखाने चाहिए। जिससे वह बड़े होकर एक बेहतर इंसान बना सकेंगे।

एटिकेट सिखाएं | Raj Express

ये कहीं नहीं लिखा है कि, घर की साफ सफाई सिर्फ लड़कियां करेंगी। यदि आप बचपन से लड़कों को भी घर के काम और साफसफाई करना सिखाएंगे तो वह खुद घर के काम करने में शर्म महसूस नहीं करेंगे। वह इसे स्‍पेशल स्किल की तरह सीख सकते है।

साफ सफाई | Raj Express

जब पति- पत्नी दोनों वर्किंग होते हैं तो खाना बनाना एक बड़ा काम बन जाता है। यदि आप लड़की के साथ ही लड़के को भी एक सही उम्र में खाना बनाना सिखातें हैं तो वह अपनी पार्टनर की मदद कर सकेगा। इससे वह पार्टनर की नजरों में एक आदर्श पति तो बनेगा ही साथ ही दोनों के बीच का प्यार भी बढ़ेगा।

खाना बनाना | Raj Express

ज्यादातर लड़कियों को कमजोर माना जाता है, क्योंकि उन्हें रोना जल्दी आ जाता है। जबकि रोना कमजोरी की नहीं बल्कि दया, प्यार और समर्पण की निशानी है। रोना अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करने का एक तरीका भी है, इसलिए बेटो को ये मत सिखाएं कि, 'लड़के रोते नहीं है।' बल्कि, उन्हें ये बताएं कि, अगर उसे रोना आ रहा है तो वह लड़का कमजोर नहीं है बल्कि उनमें भी भावनाएं हैं।

रोना सिखाएं | Raj Express

बेटो को बचपन से ही जीवन की सबसे बड़ी सीख यानी महिलाओं का सम्मान करना सिखाएं। यदि हर लड़का यह सिख लेगा तो दुनिया में क्राइम वैसे ही कम हो जाएगा। साथ ही महिलाओं के अत्‍याचारों से जुड़ी खबरों में गिरावट दर्ज होगी, इसलिए बेटों को महिलाओं के साथ शिष्‍टाचार से पेश आने के लिए प्रोत्‍साहित करें।

महिलाओं का सम्मान | Raj Express

क्या बच्चे पालना और संभालना सिर्फ एक महिला का काम है ? ऐसा किसी ने न कहा है न ये बात प्रमाणित है। लड़कों को भी बच्चे पालना और संभालना दोनों आना चाहिए। जिससे वह आगे चलकर अपनी जिम्मेदारी को समझेगा और एक अच्छा पिता साबित हो सकेगा।

बच्चे संभालना | Raj Express

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