Deeksha Nandini
सबसे फेमस महिला कथावाचकों में से एक है जया किशोरी। Jaya Kishori कलकत्ता की रहने वाली है और उनकी उम्र अभी मात्र 28 साल है। इंस्टाग्राम अकाउंट पर Jaya Kishori के 11.5 मिलियन फॉलोवर्स है। साल 2024 में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें नेशनल क्रिएटर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
महिला कथा वाचक में देवी चित्रलेखा भी काफी प्रसिद्ध है। उनकी उम्र 26 साल है और वें भागवत और राम कथा का पाठ कराती है। उनके इंस्टाग्राम सोशल मीडिया पर 3.7 मिलियन फॉलोवर्स है।
प्राची देवी एक कथावाचक और भजन गायिका है। वह भगवत गीता और रामचरित्र मानस से कथा सुनाती है। पांच साल की उम्र में उन्होंने पूरी भगवत गीता का पाठ किया। वह अपनी कथाओं के धाराप्रवाह गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। इंस्टाग्राम आकउंट पर प्राची देवी के 113 हजार फॉलोवर्स है।
मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वालीं कथा वाचक पलक किशोरी (Palak Kishori) संगीतमय तरीके से श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करती हैं। लोगों के बीच उनकी संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा काफी फेमस है। उनकी कथा सुनने के लिए हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। पलक किशोरी, जया किशोरी को अपना आदर्श मानती है।
कथा वाचक प्रतिभा देवी (Pratibha Devi) मध्यप्रदेश के जबलपुर से ताल्लुक रखती है। उनकी उम्र 29 साल की है और वह अपनी कथाओं से लोगों को सरल और सादा जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। प्रतिभा देवी के इंस्टाग्राम पर 197 हजार फॉलोवर्स है।
कथा वाचक कृष्णप्रिया 26 साल की है, और देश विदेश में कथा वाचन के लिए प्रसिद्ध है। वो अभी तक 350 से अधिक महायज्ञ का आयोजन करा चुकी है। देवी कृष्णप्रिया (Devi Krishnapriya) दस साल की उम्र से ही कथा वाचन कर रही है। इंस्टाग्राम पर उनके 495 हजार फॉलोवर्स (Followers) है।
अलीगढ़ से ताल्लुक रखने वाली नेहा सारस्वत, निधी सारस्वत (Nidhi Saraswat) की छोटी बहन है। वह सात साल की उम्र से ही गीता का पाठ करने लगी थी। उनका झुकाव कृष्ण भक्ति की ओर है। सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम पर उनके 173 हजार फॉलोवर्स (Followers) है।
कथा वाचक निधी सारस्वत (Nidhi Saraswat) अलीगढ़ की रहने वालीं है, देवी निधी सारस्वत देश- विदेशों में कथा वाचन करती है। उनको लंदन में एनआरआई इंस्टीट्यूट कनेक्टिंग इंडियन डायस्पोरा की ओर से सम्मानित किया गया। इंस्टाग्राम अकाउंट पर उनके 235 हजार फॉलोवर्स है।
क्या है धार भोजशाला, वाग्देवी का मंदिर या मस्जिद ?