अष्टमी और नवमी पर करें भोपाल के माता मंदिर के दर्शन

Kavita Singh Rathore

विंध्यवासिनी माता मंदिर भोपाल से लगभग 70 किलोमीटर दूर सलकनपुर में 1000 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर में कुल 1400 सीढ़ियां हैं। जिसे चढ़कर पहाड़ पर माता के दर्शन होते हैं। इस मंदिर की कफी मान्यता है। इसे विजयासन धाम के नाम से भी जाना जाता है।
विंध्यवासिनी माता मंदिर | Aayush Kochale - RE

पुराने भोपाल के आजाद मार्केट पीर गेट पर कर्फ्यू वाली माता मंदिर बना है। ये मंदिर जितना प्राचीन है इसकी मान्यता भी उतनी ज्यादा है। यहां माता रानी की भव्य मूर्ति विराजमान है। जिसके दर्शन करने के लिए आपको भोपाल से कही दूर नहीं जाना पड़ेगा।

कर्फ्यू वाली माता मंदिर | Aayush Kochale - RE

कोलार इलाके में स्थित 'पहाड़ी माता मंदिर' भोपाल का काफी प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर बना है। इसी के चलते इस मंदिर का नाम 'पहाड़ी माता मंदिर' रखा गया। इस मंदिर में माता रानी के साथ नौ ग्रहों के दर्शन भी किए जा सकते हैं। कई लोग भोपाल में रहते हुए भी इस मंदिर के बारे में नहीं जानते। इसलिए इस नवरात्री यहां जरूर जाएं।

पहाड़ी माता मंदिर | Aayush Kochale - RE

भोपाल से रायसेन रोड पर जाते हुए कंकाली मंदिर जा सकते हैं। इस मंदिर में स्थापित काली माता की मूर्ति की गर्दन टेडी है। ऐसा माना जाता है कि, माता दशहरे के दिन अपनी गर्दन सीधी करती हैं। जो किसी भाग्यशाली व्यक्ति को ही सीधी दिखती है। इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा है।

कंकाली मंदिर | Aayush Kochale - RE

शीतला देवी का ये मंदिर भोपाल के भीड़भाड़ वाले एरिये टी टी नगर में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि, इस मंदिर में नाबासी के दौर से पहले माता खुद खजूर के पेड़ से प्रकट हुई थी। फिर उन्होंने मढ़िया का रूप ले लिया। इस मंदिर में वह इसी रूप में विरजमान हैं। यहां काफी भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

शीतला देवी मंदिर | Aayush Kochale - RE

काली माता का मंदिर भोपाल के छोटे तालाब के पास स्थित है। यह काफी पुराने और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में काली माता विराजमान है। इसे एक ऐतिहासिक मंदिर का दर्जा प्राप्त है। यहां पर भक्त अपनी अर्जी लेकर आते हैं और नए काम की शुरुआत करते हैं। मातारानी के दर्शन से उनका काम बन जाता है।

काली माता मंदिर | Aayush Kochale - RE

माँ हरसिद्धि मंदिर भोपाल से 35 किलोमीटर दूर तरावली में स्थित है। यहां माँ जगदम्बा हरसिद्धि माता के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा होने के कारन यहां भक्तों की भीड़ देखने को मिल जाएगी। ऐसा माना जाता है कि, उज्जैन में देवी मां का मस्तक, काशी में चरण और तरावली में धड़ विद्यमान है। यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।

माँ हर सिद्धि मंदिर | Aayush Kochale - RE

माता रानी के 9 नाम

माता रानी के 9 नाम | Aayush Kochale - RE