आपको क्या पसंद है चीनी या मिश्री?

Kavita Singh Rathore

मिश्री रॉक कैंडी है, जो पलमायरा ताड़ के पेड़ के रस से बनाई जाती है। मिश्री शुद्ध होने के कारण इसकी शेल्फ लाइफ लंबी होती है। जबकि चीनी मीठा, सफ़ेद, क्रिस्टलीय पदार्थ है, जो गन्ने से बनता है। इन्हें पौधों से रस निकालकर गर्म करके पानी निकाल कर गाढ़े सिरप को दानेदार बनाया जाता है।

दोनों के बीच अंतर | Raj Express

मिश्री सफेद चीनी की तुलना में कम संसाधित होती है। चीनी आम तौर पर एक महीन, सफेद पाउडर होता है। जबकि, मिश्री एक छोटा क्रिस्टल है। चीनी को बेकिंग, कुकिंग और पेय पदार्थों को मीठा करने के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

प्रोसेसिंग और आकार | Raj Express

चीनी का उपयोग कई मीठे व्‍यंजनों को बनाने के लिए किया जाता है जबकि, लोग मुख्य रूप से भारतीय मिठाइयों, डेसर्ट और आयुर्वेदिक औषधीय में मिश्री का उपयोग करते हैं। क्युकी यह नेचुरल ही मीठी होती है।

उपयोग | Raj Express

दोनों में कैलोरी और पोषण सामग्री समान है। हालांकि, चीनी की तुलना में मिश्री ज्‍यादा शुद्ध और अनरिफाइंड होती है। मिश्री के भी तीन प्रकार है। धागे वाली, मशीन द्वारा बनाई गई और बिना धागे वाली।

न्यूट्रिशन वैल्यू | Raj Express

आयुर्वेद पर भरोसा करे तो, मिश्री शरीर में वात और पित्त दोष को संतुलित रखती है। जबकि, चीनी से कोई लाभ नहीं होता है। अब आप खुद तय कर सकते हैं कि, दोनों में से क्या बेहतर है। हालांकि, आप दोनों का सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, ज्यादा लाभ लेने के लिए धागे वाली मिश्री होती है।

फायदे | Raj Express

मिश्री की तासीर ठंडी होती है जबकि, चीनी की तासीर गर्म होती है। मिश्री को रॉक शुगर भी कहते है, यह गन्ने के पौधे से मिलने वाला प्राकृतिक रूप से मीठा पदार्थ है। ये केमिकल फ्री है और चीनी का सबसे शुद्ध रूप भी।

तासीर | Raj Express

डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति मिश्री का सेवन करता है, तो उसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज से पीड़ित लोग कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सुरक्षित रूप से सेवन कर सकते हैं। इसलिए डायबिटीज वाले लोगों को मिश्री का सेवन सीमित करना चाहिए, क्योंकि यह भी चीनी का एक रूप है।

डायबिटीज वालो के लिए | Raj Express

हर उम्र में होती है अलग न्यूट्रिएंट्स की जरूरत

हर उम्र में होती है अलग न्यूट्रिएंट्स की जरूरत | Raj Express