एक्यूट ल्यूकेमिया भी एक प्रकार का कैंसर है। इस कैंसर में कोशिकाएं बाद में पूरे शरीर में फैल जाती हैं और बॉडी में एक ट्यूमर बना लेती है। जिसे एक्स-रे से पता लगाया जा सकता है।
क्या है एक्यूट ल्यूकेमिया?
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ल्यूकेमिया के चार प्रकार हैं। इसमें तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML), क्रोनिक मायलोजेनस ल्यूकेमिया (CML), क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (CLL), तीव्र लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (ALL) शामिल है। यह विशेष तौर पर बच्चों को होना आम है।
ल्यूकेमिया के प्रकार
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एक्यूट ल्यूकेमिया रक्त (Blood) और बोन मेरो को प्रभावित करता है। जब बोन मेरो में किसी सिंगल सेल का DNA परिवर्तित हो जाता है, तो सेल सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाती। इसे ल्यूकेमिया नाम भी दिया गया है। इसके पूरे शरीर में भी फैलने का खतरा बना रहता है।
ये अंग होता है प्रभावित
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ल्यूकेमिया के लक्षणों में आमतौर पर थकान, सांस फूलना, संक्रमण और चोट लगने पर तुरंत खून आना, सिरदर्द, हड्डियों या जोड़ों में दर्द, बरामदगी, उल्टी, बुखार, ठंड लगना, कमजोरी और वजन में कमी आना है।
क्या है संकेत ?
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ल्यूकेमिया के होने का सही कारण आजतक सामने नहीं आया है, लेकिन पिछले कैंसर उपचार, परिवार में ल्यूकेमिया का इतिहास, तम्बाकू धूम्रपान, डाउन सिंड्रोम, मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम या फिर पहले कभी हुई कीमोथेरेपी इसके होने के कारण के तौर पर अब तक सामने आए हैं।
होने का कारण
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तीव्र ल्यूकेमिया ठीक हो सकता है लेकिन क्रोनिक ल्यूकेमिया का अब तक कोई इलाज नहीं है। हालाँकि, सभी प्रकार के ल्यूकेमिया के इलाज में प्रमुख रूप से कीमोथैरपी की जाती है। जो एक रसायन की क्रिया है।
इलाज या लाइलाज ?
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सभी प्रकार के ल्यूकेमिया के मरीज लगभग 5 साल तक जीवित रह सकता है। अमेरिका में, कुल मिलाकर, ल्यूकेमिया से पीड़ित लोगों में 5 साल तक जीवित रहने की दर 65% है। इसमें क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (CLL) दर 88% है। तीव्र लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (ALL) में जीवित रहने की दर 71.3% है।
जीवित रहने की दर ?
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