क्या एक्यूट ल्यूकेमिया है गंभीर बीमारी?

Kavita Singh Rathore

एक्यूट ल्यूकेमिया भी एक प्रकार का कैंसर है। इस कैंसर में कोशिकाएं बाद में पूरे शरीर में फैल जाती हैं और बॉडी में एक ट्यूमर बना लेती है। जिसे एक्स-रे से पता लगाया जा सकता है।

क्या है एक्यूट ल्यूकेमिया? | Raj Express

ल्यूकेमिया के चार प्रकार हैं। इसमें तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML), क्रोनिक मायलोजेनस ल्यूकेमिया (CML), क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (CLL), तीव्र लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (ALL) शामिल है। यह विशेष तौर पर बच्चों को होना आम है।

ल्यूकेमिया के प्रकार | Raj Express

एक्यूट ल्यूकेमिया रक्त (Blood) और बोन मेरो को प्रभावित करता है। जब बोन मेरो में किसी सिंगल सेल का DNA परिवर्तित हो जाता है, तो सेल सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाती। इसे ल्यूकेमिया नाम भी दिया गया है। इसके पूरे शरीर में भी फैलने का खतरा बना रहता है।

ये अंग होता है प्रभावित | Raj Express

ल्यूकेमिया के लक्षणों में आमतौर पर थकान, सांस फूलना, संक्रमण और चोट लगने पर तुरंत खून आना, सिरदर्द, हड्डियों या जोड़ों में दर्द, बरामदगी, उल्टी, बुखार, ठंड लगना, कमजोरी और वजन में कमी आना है।

क्या है संकेत ? | Raj Express

ल्यूकेमिया के होने का सही कारण आजतक सामने नहीं आया है, लेकिन पिछले कैंसर उपचार, परिवार में ल्यूकेमिया का इतिहास, तम्बाकू धूम्रपान, डाउन सिंड्रोम, मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम या फिर पहले कभी हुई कीमोथेरेपी इसके होने के कारण के तौर पर अब तक सामने आए हैं।

होने का कारण | Raj Express

तीव्र ल्यूकेमिया ठीक हो सकता है लेकिन क्रोनिक ल्यूकेमिया का अब तक कोई इलाज नहीं है। हालाँकि, सभी प्रकार के ल्यूकेमिया के इलाज में प्रमुख रूप से कीमोथैरपी की जाती है। जो एक रसायन की क्रिया है।

इलाज या लाइलाज ? | Raj Express

सभी प्रकार के ल्यूकेमिया के मरीज लगभग 5 साल तक जीवित रह सकता है। अमेरिका में, कुल मिलाकर, ल्यूकेमिया से पीड़ित लोगों में 5 साल तक जीवित रहने की दर 65% है। इसमें क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (CLL) दर 88% है। तीव्र लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (ALL) में जीवित रहने की दर 71.3% है।

जीवित रहने की दर ? | Raj Express

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