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लोकसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा: प्रियंका गांधी बोलीं- 1875 में राष्ट्रगीत के सिर्फ दो अंतरे लिखे; शेखावत बोले- इसे प्रमाणित करें; पढ़ें, किसने क्या कहा
Mon, 08 Dec, 2025
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लोकसभा में वंदे मातरम् पर 10 घंटे चर्चा हुई।
वंदे मातरम के साथ इतिहास का एक बड़ा छल हुआ- राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा- वंदे मातरम के साथ जो न्याय होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। जन-गण-मण राष्ट्रीय भावना में बसी, लेकिन वंदे मातरम को दबाया गया। वंदे मातरम के साथ हुए अन्याय के बारे में हर किसी को जानना चाहिए। वंदे मातरम के साथ इतिहास का एक बड़ा छल हुआ। इस अन्याय के बावजूद वंदे मातरम का महत्व कभी कम नहीं हो पाया। वंदे मातरम स्वंय में पूर्ण है, लेकिन इसे अपूर्ण बनाने की कोशिश की गई। आज हम वंदे मातरम की गरिमा को फिर से स्थापित कर रहे हैं।
वंदे मातरम् से अंग्रेज बहुत डरते थे- राजनाथ सिंह
लोकसभा में बोले राजनाथ सिंह ने कहा- वंदे मातरम् सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं रहा। विदेशों में बसे भारतीयों ने भी वंदे मातरम् गाया है। वंदे मातरम् ने देश को जगाया। वंदे मातरम् ने नई चेतना जगाई थी। वंदे मातरम् इतिहास-वर्तमान से जुड़ा। वंदे मातरम् से अंग्रेज बहुत डरते थे। वंदे मातरम् पूर्ण लेकिन इसे अपूर्ण बनाया गया।

प्रियंका के बयान पर केंद्रीय मंत्री ने जताई आपत्ति
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में कहा- 1875 में बंकिम चट्टोपाध्याय ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के दो अंतरे लिखे, बाकि 5 अंतरे 1882 में लिखे थे। इस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा- प्रियंका गांधी को यह जानकारी कहां से मिली, वह इसे प्रमाणित करें, यह सूचना उन्हें कहां से मिली, ताकि ये जानकारी करेक्ट की जा सके।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- बंकिम चट्टोपाध्याय की जन्म स्थली पश्चिम बंगाल के नैहाटी में एक शोध केंद्र है। शोध केंद्र के अनुसार, बंकिम चट्टोपाध्याय ने पूरा गीत 1975 में एक बार में लिखा था।
वंदे मातरम् ने सोए भारत को जगाया- प्रियंका गांधी
वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी लोकसभा में कहा- वंदे मातरम् ने सोए भारत को जगाया। वंदे मातरम् की ताकत से अंग्रेज झुके। 75 सालों से हमारा देश आजाद है, तो फिर इस बहस की क्या आवश्यकता है। हमारा मकसद क्या है? हम किस तरह से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। वंदे मातरम् हमारा राष्ट्रगीत है, इस पर बहस क्यों?
प्रियंका गांधी बोलीं- इस बहस के दो मकसद हैं

ये लोग हर चीज पर अधिकार जमाना चाहते हैं- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा- ये लोग हर चीज पर अधिकार जमाना चाहते हैं। वंदे मातरम् कोई दिखावा नहीं है। आज भी कुछ लोग विभाजन के रास्ते पर हैं। वंदे मातरम् गाने का नहीं, निभाने का है। ये राष्ट्रवादी नहीं, ये राष्ट्रविवादी लोग हैं। जिन्होंने आजादी के आंदोलन में भाग नहीं लिया, वह वंदे मातरम् अपना रहे हैं।
बंगाल की भूमि ने राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत दिए- गौरव गोगोई
लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा- वंदे मातरम् पर कहा- बंगाल की इस भूमि ने राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रगीत भी दिया। जहां से बंकीम चंद्र, रवींद्र नाथ टैगोर, खुदीरामबोस सहित कई महापुरुष आए।उन्होंने कहा कि जिन्होंने ऐसी कविताएं रची, ऐसी गीत रचे, जिन शब्दों की प्रेरणाओं के साथ स्वतंत्रता सेनानियों को आजादी की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा मिली। PM मोदी ने वंदे मातरत् के इतिहास की और उसके जन्म की बात की। मंगल पांडे के विद्रोह के बाद अंग्रेजों का जुल्म और बढ़ गया था।
कांग्रेस ने वंदे मातरम् के टुकड़े कर दिए- PM
कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेके। कांग्रेस को बंटवारे के आगे झुकना पड़ा। कांग्रेस चलते-चलते INC से MNC हो गई है। जिनके साथ कांग्रेस जुड़ा वो वंदे मातरम् के खिलाफ खड़े हैं। नेहरू ने कहा था कि वंदे मातरम से मुस्लिम भड़क सकते हैं। उन्होंने कहा- जिन्ना की भावना से सहमति जताते हुए नेहरू ने लिखा कि वंदे मातरम् की आनंदमठ वाली पृष्ठभूमि से मुसलमालों को चोट पहुंच सकती है।
PM मोदी ने कहा- वे लिखते हैं- ये जो बैकग्राउंड है, इससे मुस्लिम भड़केंगे। कांग्रेस का बयान आया- 26 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी, जिसमें वंदे मातरम् के उपयोग की समीक्षा होगी। इस प्रस्ताव के खिलाफ लोगों ने देश भर में प्रभात फेरियां निकालीं। लेकिन कांग्रेस ने वंदे मातरम् के टुकड़े कर दिए। इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए।

'ब्रिटिश हुक्मरानों ने कई स्कूलों में वंदे मातरम् पर पाबंदी लगाई'
PM मोदी ने वंदे मातरम् से जुड़ा किस्सा सुनाते हुए कहा- 20 मई 1906 को बारीसाल ( अब बांग्लादेश में है) में वंद मातरम् जुलूस निकाला, जिसमें 10 हजार से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे थे। इसमें हिंदू और मुस्लिम समेत सभी धर्म और जातियों के लोगों ने वंदे मातरम् के झंडे हाथ में लेकर सड़कों पर मार्च किया था।
रंगपुर के एक स्कूल में जब बच्चों ने यह गीत गाया तो अंग्रेजी सरकार ने 200 छात्रों पर 5-5 रुपये का जुर्माना सिर्फ इसलिए लगा दिया कि उन्होंने वंदे मातरम् कहा था। इसके बाद ब्रिटिश हुक्मरानों ने कई स्कूलों में वंदे मातरम् गाने पर पाबंदी लगा दी थी।
'अंग्रेजों ने बांटों और राज करो के रास्ते को चुना'
PM मोदी ने कहा- अंग्रेजों ने बांटों और राज करो, इस रास्ते को चुना और उन्होंने बंगाल को इसकी प्रयोगशाला बनाया क्योंकि वो भी जानते थे कि वो एक वक्त था जब बंगाल का बौद्धिक सामर्थ्य देश को दिशा, ताकत, प्रेरणा देता था और इसलिए अंग्रेज भी जानते थे कि बंगाल का यह जो सामर्थ्य है वो पूरे देश की शक्ति का एक केंद्र बिंदु है और इसलिए अंग्रेजों ने सबसे पहले बंगाल के टुकड़े करने की दिशा में काम किया।
उन्होंने कहा- अंग्रेजों का मानना था कि एक बार बंगाल टूट गया तो यह देश भी टूट जाएगा। 1905 में अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया लेकिन जब अंग्रेजों ने 1905 में यह पाप किया तो वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा। बंगाल की एकता के लिए वंदे मातरम् गली-गली का नाद बन गया था और वो ही नारा प्रेरणा देता था।
'वंदे मातरम् के शब्दों से अंग्रेज डर गए थे'
उस समय वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा। वंदे मातरम् गाने पर बच्चों ने कोड़े खाए। 1905 में अग्रेंजो ने बंगाल विभाजन किया। बंगाल की एकता के लिए वंदे मातरम् खड़ा रहा।
वंदे मातरम् हर भारतीय का संकल्प बन गया था- PM
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने जब वंदे मातरम् की रचना की तो स्वभाविक ही वह स्वतंत्रता आंदोलन का स्वर बन गया, पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण वंदे मातरम् हर भारतीय का संकल्प बन गया।
हमारे लिए यह गर्व की बात-PM
PM मोदी ने कहा- जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है, हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।
चर्चा के दौरान कुछ मजेदार मूमेंट भी देखने को मिला। जब किसी सांसद ने PM को बीच में टोका। तब उन्होंने मुस्कराते हुए कहा- दादा तबीयत तो ठीक है। फिर बोले- इस उम्र में हो जाता है।
50 साल हुए तब देश गुलामी में डूबा था- PM
PM मोदी ने कहा- वंदे मातरम् की 150 सालों की यात्रा कई पड़ाव से गुजरी है। जब 50 साल हुए तब देश गुलामी में डूबा था। जब 100 साल हुए, तब देश आपातकाल में जंजीरो में जकड़ा हुआ था। संविधान का गला घोंटा गया।
यहां कोई पक्ष-विपक्ष नहीं है, जिस वंदे मातरम् को गाकर फ्रीडम फाइटर आजादी का आंदोलन चला रहे थे, इसलिए आज हम सभी यहां बैठे हुए हैं। वंदे मातरम् का रण स्वीकर करने का एक पावन पर्व है।
कांग्रेस सासंंद गौरव गोगोई ने संसद में इंडिगो क्राइसिस का मुद्दा उठाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में होने वाली चर्चा में शामिल होने पहुंचे।

वंदे मातरम् पर चर्चा में BJP की तरफ से ये सदस्य लेंगे हिस्सा
PM मोदी- चर्चा की शुरुआत करेंगे
अनुराग ठाकुर
बिप्लब देब
बांसुरी स्वराज
संबित पात्रा
तेजस्वी सूर्या
संतोष पांडेय
सौमित्र खान
राजनाथ सिंह

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